केबीसी से फोन के चक्कर में हो रहे ठगी के शिकार
केबीसी के नाम पर ऑनलाइन ठगी करने के लिए आने वाले वाट्सऐप मैसेज, वाइस मैसेज, वाट्सकॉल, कॉल आदि प्लस 92 कोड वाले पाकिस्तानी मोबाइल नंबरों से आते हैं। अधिकांश पीडि़त इस पर ध्यान नहीं देते हैं। वे केबीसी से ही फोन आना समझ लेते हैं और ठगी का शिकार होते हैं।Cyber Crime: CM साय के मीडिया सलाहकार का फेक अकाउंट बनाकर लोगों से की ठगी, पंकज झा ने बताया – पहले भी हो चुका ऐसा…
ऐसे करते हैं ठगी
साइबर ठग वाट्सऐप में भेजे गए अपने ऑडियो, फोटो, मैसेज में यह झांसा देते हैं कि आपके मोबाइल ने केबीसी, रिलायंस जियो, एयरटेल, वोडाफोन कंपनी से 25 लाख की लॉटरी जीती है। लॉटरी से जीती धन राशि को पाने के लिए मैसेज में दिए मोबाइल नंबरों से पर कॉल करने को कहते हैं। उनके मैसेज में अलग-अलग मोबाइल नंबर रहते हैं।हर साल सैकड़ों ठगी
जिले में हर साल साइबर ठगी के सैकड़ों मामले सामने आते हैं। पिछले 6 माह में ही 1500 से ज्यादा साइबर ठगी के मामले सामने आ चुके हैं। साइबर ठगी के कई तरीके होते हैं। केबीसी वाले तरीके से ग्रामीण इलाकों के लोग ज्यादा ऑनलाइन ठगी के शिकार हो रहे हैं।ऑनलाइन ठगी से ऐसे बचें
-यदि कोई भी वाट्सऐप मैसेज, मैसेज, वाइस मैसेज, ऑडियो क्लीपिंग, फोटो आदि भेजकर आपके लाखों की लॉटरी या इनाम जीतने की जानकारी देता है, तो उस पर भरोसा न करें।-साइबर ठग लालच का फायदा उठाते हैं। लालच के चलते पीडि़त ठगी के दौरान अन्य लोगों से चर्चा करना, वेरिफाई करना, सामान्य सावधानियां रखना भूल जाते हैं।