Cyber Attack: क्रिटिकल इंफार्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर से रोकेंगे साइबर अटैक, पॉवर कंपनी मुख्यालय में हुई चर्चा, अटैक से पहले मिलेगी सूचना
Cyber Attack: साइबर हमले से पावर सिस्टम को बचाने के लिए क्रिटिकल इंफार्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित कर लिया गया है। इस सिस्टम के माध्यम से साइबर हमले रोके जाएंगे। स्काडा सिस्टम, सर्वर और बैकअप लोड डिस्पैच सेंटर तैयार किया गया है।
Cyber Attack: छत्तीसगढ़ में साइबर हमले से पावर सिस्टम को बचाने के लिए क्रिटिकल इंफार्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर(Critical Information Infrastructure) विकसित कर लिया गया है। इस सिस्टम के माध्यम से साइबर हमले रोके जाएंगे। शुक्रवार को इस संबंध में छत्तीसगढ़ स्टेट पावर कंपनीज के मुख्यालय में स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर में ग्रिड आपरेशन पश्चिम क्षेत्रीय साइबर सिक्यूरिटी को-आर्डिनेशन फोरम की कार्यशाला हुई, जिसमें साइबर हमले से ग्रिड प्रणाली को बचाने के उपायों पर चर्चा की गई। इसमें विभिन्न राज्यों के लोड डिस्पैच सेंटर के अधिकारियों ने साइबर अटैक को रोकने के लिए अपने यहां किए जा रहे उपायों पर विस्तृत चर्चा की गई।
Cyber Attack: छत्तीसगढ़ में इस तरह के खतरे से निपटने के लिए क्रिटिकल इंफार्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम डेवलप किया है, जिसके तहत साइबर कानूनों का गजट नोटिफिकेशन किया गया है और स्काडा सिस्टम, सर्वर और बैकअप लोड डिस्पैच सेंटर तैयार किया गया है। कार्यशाला में छत्तीसगढ के अतिरिक्त पश्चिम क्षेत्र के विभिन्न घटक राज्यों महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गोवा, दमन एवं दीव इत्यादि के प्रतिनिधियों समेत छत्तीसगढ़ की तीनों पावर कम्पनियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
Cyber Attack: साइबर सिक्युरिटी पर तीसरी बैठक
स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर रायपुर में 12 व 13 सितंबर को साइबर सिक्यूरिटी को-आर्डिनेशन फोरम की तीसरी बैठक हुई, जिसका शुभारंभ ट्रांसमिशन कंपनी के प्रबंध निदेशक आरके शुक्ला ने किया। उन्होंने साइबर सिक्युरिटी के विभिन्न पहलुओं जानकारी दी और साइबर सिक्युरिटी से उत्पन्न होने वाली विभिन्न प्रकार की चुनौतियों से चुनौतियों से निपटने के लिये तीन प्रमुख बिन्दुओं परस्पर सहयोग, नवाचार एवं पुनर्प्राप्ति क्षमता पर जोर दिया।
अटैक से पहले मिलेगी सूचना
भार प्रेषण केन्द्र के कार्यपालक निदेशक एवं मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी कोमल सिंह मनोठिया ने बताया कि वर्तमान में पूरे देश में नई तकनीक से वन नेशन, वन ग्रिड से बिजली सप्लाई की जा रही है, ऐसे में पूरा सिस्टम कंप्यूटराइज्ड और आनलाइन रहता है। इसमें देश-विदेश के हैकर साइबर हमला कर देते हैं, जिससे बचने के लिए सुरक्षा और सर्तकता आवश्यक है। छत्तीसगढ़ में सावधानी और बचाव क्रिटिकल इंफार्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम को तैयार किया गया है। इसके तहत हर साल आईटी और आपरेशन टेक्नालाजी की साइबर आडिट कराने का प्रावधान किया गया है, ताकि हमें समय से पूर्व पता लग सके कि कहां से साइबर अटैक हो सकता है और उसे रोका कैसे जा सकता है।
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