COmmando Battalion for Resolute Action) गोरिल्ला और जंगल युद्ध में कुशल भारत के केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF ) की एक विशेष इकाई है। मूल रूप से नक्सली समस्या का सामना करने के लिए स्थापित, असभ्य युद्ध में शामिल किसी भी विद्रोही समूह को संबोधित करने के लिए कोबरा तैनात किया गया है।वर्तमान में दस बटालियनों की संख्या, कोबरा को भारत की सबसे अनुभवी और सफल कानून प्रवर्तन इकाइयों में से एक के बीच स्थान दिया गया है।
[typography_font:14pt;” >2. वर्तमान में कोबरा कमांडो की कुल 154 में से 44 टीमें इस समय छत्तीसगढ़ के बस्तर में तैनात हैं।
3. कोबरा देश में सबसे अच्छी तरह से सुसज्जित केंद्रीय सशस्त्र पुलिस इकाई है, केंद्र सरकार से 13 हजार मिलियन के अनुदान के साथ स्थापित है।
4. कोबरा कमांडो की दुश्मनों से लड़ने की शैली अब विदेश तक पहुंच गई है। यही वजह है कि यह विश्व की बड़ी सेनाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले अमेरिका, रूस और इजराइल की फोर्स को गोरिल्ला वार के गुर सिखा रहे हैं। हर साल या छह महीने में कोबरा यूनिट के कमांडो विदेशी फोर्स को प्रशिक्षण देने जाते हैं।
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5. सीआरपीएफ में भर्ती होने वाले जवानों में से ही कोबरा कमांडो को चुना जाता है। चयन के बाद कोबरा में शामिल करने के लिए जवानों को कभी चार तो कभी नौ महीने का कड़ा प्रशिक्षण दिया जाता है। कमांडो को कई बार विदेशी फोर्स के साथ संयुक्त प्रशिक्षण के लिए भेजा जाता है।
6. फिलहाल देश में कोबरा की 10 यूनिट है। एक यूनिट में करीब 1300 जवान शामिल होते हैं।
7. भारत सरकार ने उग्रवादियों एवं विद्रोहियों से निपटने और गुरिल्ला/जंगल युद्ध जैसे ऑपरेशनों में दृढ़तापूर्वक कार्रवाई के लिए (कोबरा) कमाण्डों बटालियनों की स्थापना के लिए भारत सरकार, गृह मंत्रालय द्वारा दिनांक 12/09/2008 के यू.ओ. सं0 16011/5/200-पीएफ-चार के तहत मंजूरी प्रदान की गई थी।