नक्सली का पोस्टमार्टम करने से डाक्टर ने किया इनकार, कर दी इस्तीफा देने की पेशकश
पत्रिका टीम मंगलवार को दोपहर दो बजे पहुंची तो यहां पर तीन मवेशियों को दफनाने के लिए जेसीबी से गड्ढा किया जा रहा था। पत्रिका ने पूरे नजारे को कैमरे में कैद किया। स्थानीय जनप्रतिनिधि जितेंद्र नारंग ने बताया कि इससे पहले भी 5 मवेशियों की मौत हो चुकी है। जिसे चुपचाप दफना दिया गया।
राजधानी में हुआ रिश्तों का खून, बेटी के बलात्कारी को बचाने के लिए पति ने कर दी पत्नी की हत्या
दफना रहे कर्मचारियों ने बताया कि शहर की सड़कों से मवेशियों को उठाकर गौठान में छोड़ा जा रहा है। गौठान में अव्यवस्था के कारण मवेशियों की मौत हो रही है। 8 एकड़ में यहां विशाल गौठान बनाया गया है। यहां शहर के सड़कों घूमने वाले आवारा मवेशियों को रखा गया है। यहां पर करीब 80 मवेशियों को रखा गया है।
सेब खरीदने के चक्कर में लूट गया रायपुर का कारोबारी, गंवा दिया 5 करोड़
निगम अधिकारियों ने बताया कि सरकार की तरफ से गौठान में चारा देने प्रावधान नहीं है। ग्रामीण ही इसकी व्यवस्था करते हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि कुछ समय तक तो यहां चारा और पानी का इंतजाम ग्रामीण करते रहे। लेकिन इसके बाद गांव वालों ने चारा देना बंद कर दिया। गौठान का पूरा एरिया कंटीली तारों से घेरा गया है। चारे की कमी और अव्यवस्थाओं के चलते मवेशियों की मौत होने की बात ग्रामीणों ने ही बताई।
Read Also: मालिश करवाने गया महिला के घर, बेटी को अकेला पाकर रिटायर्ड असिस्टेंट मैनेजर ने कर दी गन्दी हरकत
झाडिय़ों के बीच पड़े हैं मवेशी
बता दें कि कई दिनों से यहां झाडिय़ों के बीच मृत मवेशी पड़े हुए थे। जब दुर्गध आई तब जाकर यहां काम करने वाले कर्मचारियों को मवेशियों की मौत होने की जानकारी मिली।
सेड नहीं है गौठान में
लगातार बारिश हो रही है और खुले में जानवरों को छोड़ दिया जा रहा है। ऐसे में मवेशी बामार पड़ रहे हैं। गौठान के नाम पर यहां सिर्फ पानी के नांद ही बनाया गया है। इसके अलावा मवेशियों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई। इसके कारण मवेशी बीमार पड़ रहे हैं और उनकी मौत हो रही है।
90 लाख का प्रस्ताव भेजा
निगम अधिकारियों से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि शहर के गौशालाओं में जगह नहीं होने के कारण उक्त गौठान में मवेशियों को रखा जाता है। यहां देख रेख के लिए गांव के ही दो युवकों को रखा गया है। इसे समृद्ध गौठान बनाने के लिए शासन के पास 90 लाख रुपए का प्रस्ताव भेजा गया है। जिसकी स्वीकृति अब तक नहीं मिली है।
नहीं कराया गया पोस्टमार्टम
मरे हुए पशुओं को दफनाने की इतनी जल्दी थी की नियम कानून टाक पर ताक पर रख कर उन्हें बिना पोस्टमार्टम कराये ही नगर निगम की जेसीबी से गढ्ढा खोदकर दफना दिया गया। ऐसा जानबूझ कर किया गया क्योंकि पोस्टमार्टम होते ही पशुओं की मौत का कारण भी सामने आ जाता।
प्रस्तावति गौठान है। यहां पर फैंसिंग करा कर शहर के आवारा मवेशियों को रखा जा रहा है। प्राकृतिक वातावरण चारा और पेड़ पौधे लगे हुए हैं, शेड का निर्माण किया जा रहा है। मावेशियों की मौत के संबंध मे मुझे जानकारी नहीं है। कर्मचारी से जानकारी लेता हूं।
-चंदन शर्मा, कमिश्नर, जोन क्रमांक-4