आंबेडकर अस्पताल में डॉक्टर समेत सभी स्टाफ को जनवरी 2020 से दिसम्बर 2022 तक का इंसेंटिव मिल गया है। कैंसर विभाग में एचओडी समेत कंसल्टेंट डॉक्टरों को 35-35 लाख रुपए मिले हैं। अस्पताल प्रबंधन ने इसकी पुष्टि की है। दरअसल कैंसर विभाग की ओपीडी में रोजाना 250 से 300 मरीजों का इलाज होता है। अगर मरीज वार्ड में भर्ती हो गया तो डॉक्टरों व अन्य स्टाफ को इंसेंटिव मिलना तय है। फिर मरीज को कीमोथैरेपी देना हो या सर्जरी करना हो अथवा एमआरआई, सीटी स्कैन कराने पर भी इंसेंटिव देने का प्रावधान है।
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2020 व 2021 में कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज मिले छत्तीसगढ़ में 2020 व 2021 में कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज मिले। पहला मरीज 18 मार्च 2020 को मिला था। पहली लहर का पीक सितंबर में रहा। वहीं दूसरी लहर का पीक अप्रैल 2021 में रहा। तीसरी लहर 2022 जनवरी में थी। इस दौरान सभी विभाग के डॉक्टरों की ड्यूटी कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए लगाया गया था। इस दौरान सामान्य केस कम ही आए। सभी स्टाफ कोरोना की ड्यूटी में व्यस्त थे। इस कारण भी डॉक्टर समेत दूसरे स्टाफ को अच्छा इंसेंटिव मिला है। खासकर क्लास 3 व 4 कर्मचारियों को अच्छा इंसेंटिव मिलने से वे भी खुश हैं।
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कांग्रेस की सरकार में एकमुश्त इंसेंटिव, नहीं मिलने पर विवाद कांग्रेस सरकार दिसंबर 2018 में आई थी। इसके बाद डॉक्टरों व बाकी स्टाफ को इंसेंटिव मिलने में देरी हुई। इस पर विवाद भी हुआ। अस्पताल प्रबंधन व इंसेंटिव देने वाली स्वास्थ्य विभाग की स्टेट नोडल एजेंसी पर जान बूझकर इंसेंटिव जारी नहीं करने का आरोप भी लगा। अस्पताल प्रबंधन भी विभागवार डॉक्टरों का डाटा स्टेट नोडल एजेंसी को भेजा। इसके बाद भी इंसेंटिव मिलने में देरी हुई। सबसे पहले मेडिकल कॉलेज की डीन के ऑब्स एंड गायनी विभाग के डॉक्टरों को इंसेंटिव देने का आरोप भी डॉक्टर लगाते रहे। इसके बाद सभी विभागों को इंसेंटिव दिया गया।
डॉक्टरों को 35 लाख रुपए तक इंसेंटिव मिला है। मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर समेत नर्सिंग, पैरामेडिकल व क्लेरिकल स्टाफ को इंसेंटिव देने का प्रावधान है।
– डॉ. एसबीएस नेताम, अधीक्षक, आंबेडकर अस्पताल