रायपुर की कार्रवाई से साफ संकेत हो गए है कि सरकार परिवीक्षा अवधि वाले शिक्षाकर्मियों के साथ-साथ ब्लॉक स्तर पर आंदोलन की बागड़ोर संभाल रहे शिक्षाकर्मियों पर गाज गिराएगी। इससे पहले राजधानी में शिक्षाकर्मियों ने धरना स्थल पर संविधान दिवस मनाते हुए अपना संवैधानिक अधिकार मांगा और बर्खास्तगी आदेश की प्रतियां जलाकर आंदोलन में डटे रहने का संकल्प दोहराया। मोर्चा के पदाधिकारियों की निगाह अब 28 नवंबर को होने वाली कैबिनेट की बैठक में टिकी है। यदि इसमें शिक्षाकर्मियों के हित में कोई बात नहीं होती है, तो प्रदेशभर के शिक्षाकर्मी राजधानी पहुंचकर धरना देने की तैयारी कर रहे हैं।
पंडाल में भीड़ हुई कम
सरकार की सख्ती का असर राजधानी के धरना स्थल पर दिखी। रविवार को दोपहर तक करीब आधा पंडाल खाली रहा। महिलाओं की संख्या भी अपेक्षाकृत कम दिखी। लेकिन धरनास्थल पर मौजूद शिक्षाकर्मियों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी की बात कही थी।