कोरोना महामारी के एंट्री काल से लेकर आज तक 67 सिटी बसों के पहिए आमानाका डिपो में थमे हुए थे। इस बार सिटी बसों के संचालन का कांट्रेक्ट दुर्ग के मनीष ट्रेवल्स को मिला है। यह बस ऑपरेटर इन बसों को 1 करोड़ 24 लाख रुपए में फिट कराने में जुट गया है। क्योंकि काफी मशक्कत के बाद निगम के शहरी यातायात समिति के माध्यम से तीन बार री-टेंडर के बाद 14 अगस्त को सिटी बसों के संचालन का टेंडर मिला है।
45 दिनों में सभी सिटी बसें तैयार करना है
शर्त के अनुसार सभी 67 सिटी बसों को दुरुस्त कराकर 45 दिनों के अंदर सड़कों पर चलाना है। चूंकि ढाई साल से बसें डिपो में खड़े-खड़े खराब हो चुकी हैं। इसलिए उसका फिटनेस, आयल चेंज, टायर, लाइसेंस, परमिट जैसे कई कार्य कराने पड़ रहे हैं। मैकेनिकों के अनुसार एक सिटी बस को तैयार करने में 4 से 5 दिन लग रहे हैं। इसलिए 15 सितंबर तक बमुश्किल 10 से 15 बसें ही तैयार हो पाएंगी। इसलिए बारी-बारी से जिला प्रशासन द्वारा मार्गों पर चलना शुरू होंगी।
मार्गों का निर्धारण और किराया कमेटी तय करेगी
मार्गों और किराया तय करने का अधिकार शहरी यातायात कमेटी के पास है। जिसमें अध्यक्ष कलेक्टर, सचिव नगर निगम आयुक्त शामिल हैं। मनीष ट्रेवल्स के अनुसार 8 से 10 महीना पहले छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ की मांग पर शासन द्वारा बसों का किराया किलोमीटर के आधार पर निर्धारित किया गया था। उसी के हिसाब से सिटी बसों का भी किराया लगेगा।
किलोमीटर के हिसाब से नॉन एसी का किराया
– 2 से 6 किमी – 6 रुपए
– 10 किमी तक – 13 रुपए
– 20 किमी तक – 21 रुपए
इसी हिसाब से विधानसभा के जीरो प्वाइंट से नए बस स्डैंड भाठागांव का किराया लगेगा।
एसी सिटी बसों का किराया दर
2 से 4 किमी – 8 रुपए
10 किमी – 13 रुपए
18 से 20 किमी -28 से 32 रुपए
30 किमी तक – 61 रुपए
48 से 50 किमी -100 रुपए
शहरी यातायात समिति की बैठक में रोड निर्धारण के साथ ही किमी के हिसाब से किराया सूची पर मुहर लगेगी। बस ऑपरेटर को सभी शर्तों का पालन करना होगा। संचालन के लिए कंट्रोल रूम बनाना होगा। 15 से 20 दिनों में संचालन होने लगेगा।
– बीएल चंद्राकर, मैनेजर जेएनयूआरटी