पायलट प्रोजेक्ट के बाद सभी जिलों में बनेगा
जानकारी के अनुसार, उक्त दोनों जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत गौ अभयारण्य का निर्माण किया जा रहा है। इन दोनों जिलों में उक्त योजना सफल होने के बाद
प्रदेश के बाकी जिलों में भी गौ अभयारण्य बनाया जाएगा। क्योंकि सभी जिलों के हर शहर में आवारा मवेशियों से वाहन चालक और लोग परेशान है। इस कारण से शासन ने सभी जिलों में गौ अभयारण्य बनाने का निर्णय लिया है।
इन विभागों को अभयारण्य बनाने का जिमा
गौवंश अभयारण्य योजना राज्य के पशुधन विकास विभाग, पंचायत, राजस्व एवं वन विभाग को एक साथ मिलकर गौवंश अभयारण्य बनाने का जिमा दिया गया है। इन विभागों को सड़कों पर भूखे-प्यासे भटकने वाले मवेशियों को गौ अभयारण्य में पकड़कर ले जाना होगा। साथ ही मवेशियों के लिए चारा, चिकित्सकीय सुविधा आदि की व्यवस्था उपलब्ध करानी होगी।
इस वजह से महसूस हुई जरूरत
सड़कों पर घूम रहे आवारा मवेशियों की वजह से सड़क हादसों का खतरा है। ट्रैफिक जाम के भी हालात बनते हैं। वाहन चालकों को सड़क पर मवेशियों के रहने से वाहन चलाने में काफी परेशानी का सामाना करना पड़ता है। भूख से बेहाल मवेशी कूड़ा-कचरा या प्लास्टिक खाने से बीमार पड़ रहे हैं, उनकी मौत हो रही है। इस कारण से इन मवेशियों की देखभाल के लिए सरकार को गौ अभयारण्य बनाने की जरूरत महसूस हुई।