भारत बंद का छत्तीसगढ़ में व्यापक असर, दुकानें रही बंद, स्कूलों की हुई छुट्टी, यातायात भी प्रभावित
रायपुर. पेट्रोल और डीजल कीमतों के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के खिलाफ कांग्रेस के भारत बंद का असर पूरे छत्तीसगढ़ में भी देखने को मिला। राजधानी रायपुर में सुबह से ही बंद का व्यापक असर दिखा। सुबह से ही राजधानी में दुकानें बंद रहीं। जबकि स्कूल कॉलेज को बंद रखा गया। वहीं बंद का यातायात पर भी असर दिखा। हालांकि कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरे राज्य में अतिरिक्त सुरक्षा तैनात की गई है। फिलहाल, कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है।
रायपुर समेत पूरे प्रदेश में बंद को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह प्रदर्शन किए। रायपुर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह नुक्कड़ नाटक के जरिए पेट्रोल और डीजल कीमतों के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने से आम जनता किस प्रभावित हो रही है के बारे में बताया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह के खिलाफ नारे लगाए।
उधर, रायपुर के अलावा बिलासपुर, कोरबा, जांजगीर-चांपा, दुर्ग-भिलाई, जगदलपुर, अंबिकापुर, कोंडागांव, धमतरी समेत अन्य जिलों से भी व्यापक बंद की खबरें आ रही हैं। धमतरी में सुबह से ही कांग्रेस के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में सड़क पर उतर आए और अर्जुनी मोड़ से विभिन्न मोटरसाइकिल में सवार होकर शहर की दुकानों को बंद कराने निकल पड़े। कांग्रेसियों का कहना है कि रमन और मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के चलते आज देश की जनता त्रस्त है । पेट्रोल-डीजल के दाम दिनों दिन बढ़ रहे हैं जिसके कारण महंगाई अपने चरम सीमा पर है।
छत्तीसगढ़ में पेट्रोल-डीजल पर घट सकता है वैट हालांकि, पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से उठे विरोध के बीच राज्य सरकार पेट्रोलियम उत्पादों से वैट की दरें कम कर सकती है। छत्तीसगढ़ में पेट्रोल और डीजल पर 25 प्रतिशत वैट लगता है। राज्य के राजस्व का करीब 29 प्रतिशत हिस्सा इसी से आता है। यह रकम 3 हजार 277 करोड़ रुपए से अधिक की है।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने सोमवार को राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाई है। यह बैठक मुख्यमंत्री निवास में शाम 6.30 बजे होनी है। बैठक के एजेंडे के बारे में तस्वीर साफ नहीं है। बताया जा रहा है, भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति में पेट्रोलियम मूल्यों में वृद्घि के खिलाफ कांग्रेस के भारत बंद को निष्प्रभावी करने के लिए राज्यों से करों में कटौती का सुझाव दिया गया है। भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि ऐसा करके कांग्रेस शासित प्रदेशों पर मूल्य कटौती का दबाव बनाया जा सकता है।
देशभर में भाजपा यह प्रचारित करेगी कि भाजपा शासित राज्यों ने कीमतों मेंं राहत दी, लेकिन कांग्रेस ने कुछ नहीं किया। सितम्बर-अक्टूबर 2017 में भी केंद्र सरकार और भाजपा नेतृत्व ने वैट में करीब 5 प्रतिशत की कटौती का सुझाव दिया था, लेकिन सरकारी खजाने पर दबाव और राजनीतिक रूप से खुद को काफी मजबूत आंककर राज्य सरकार ने ऐसा नहीं किया था।
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