मुख्यमंत्री ने कहा, प्रदेश के निरस्त किए गए कोल ब्लॉकों में से कुल 8 पूर्व कोल ब्लॉक आवंटियों से कोयला खानों से निकाले गए कोयले के एवज में 295 रुपए प्रति मीट्रिक टन की दर से राशि केंद्र सरकार के कोयला खान मंत्रालय द्वारा अतिरिक्त लेवी के रूप में जमा कराई गई है, जो लगभग 4140 करोड़ 21 लाख रुपए से भी अधिक है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, अतिरिक्त लेवी राशि उपलब्ध कराए जाने से कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम एवं इससे उत्पन्न स्थिति से प्रदेश की जनता के हित में और अधिक मजबूती से कार्य किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने 23 जनवरी 2020 को भी केंद्रीय मंत्री को पत्र भेजकर यह मांग रखी थी। नए पत्र में मुख्यमंत्री ने लिखा है, आज तक कोयला मंत्रालय ने उस पत्र पर हुई किसी कार्रवाई की जानकारी नहीं दी है।
कानूनी प्रावधानों का उल्लेख
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कोयला मंत्रालय द्वारा 27 अगस्त 2015 के पत्र के संबंध में राज्य सरकार के मत का उल्लेख किया है। इसके साथ ही संविधान के विभिन्न प्रावधानों, खान एवं खनिज अधिनियम 1951, खनिज रियायत नियम 2016 के नियमों एवं छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता के प्रावधानों का भी अपने पत्र में विस्तार से उल्लेख करते हुए कहा है कि राज्य सरकार का स्वामित्व होने तथा खनिजों पर राज्य शासन के पक्ष में रायल्टी, लेवी एवं अन्य कर वसूलने का प्रावधान है।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का भी सहारा
मुख्यमंत्री ने कहा, सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित विभिन्न आदेशों से यह स्पष्ट है कि पूर्व कोल ब्लॉक आवंटियों से 295 रुपए प्रति मीट्रिक टन की दर से कोयला मंत्रालय द्वारा जमा कराई गई अतिरिक्त लेवी की राशि छत्तीसगढ़ राज्य शासन के हक की राशि है।