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छत्तीसगढ़ के उद्योगों में स्थानीय लोगों को 100 प्रतिशत आरक्षण

छत्तीसगढ़ सरकार ने नई उद्योग नीति को दी मंजूरी उद्योगों में स्थानीय लोगों को आरक्षण देने का प्रावधान पहली बार किया अकुशल श्रमिकों को 100 प्रतिशत, कुशल को 70 प्रतिशत और प्रशासकीय पदों पर 40 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान

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छत्तीसगढ़ के उद्योगों में स्थानीय लोगों को 100 प्रतिशत आरक्षण

छत्तीसगढ़ के उद्योगों में स्थानीय लोगों को 100 प्रतिशत आरक्षण

रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में गुरुवार रात हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश की नई औद्योगिक नीति को मंजूरी दे दी गई। नई नीति में प्रदेश में लगने वाले उद्योगों में छत्तीसगढ़ के स्थानीय श्रमिकों को 100 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।

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आरक्षण देने का प्रावधान पहली बार

फैसले की जानकारी देते हुए वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया, उद्योगों को 100 प्रतिशत अकुशल श्रमिकों की भर्ती स्थानीय लोगों से करनी होगी। अद्र्घकुशल श्रमिकों के लिए 70 प्रतिशत और प्रबंधकीय व प्रशासकीय पदों के 40 प्रतिशत मानव संशाधन की भर्ती स्थानीय लोगों से करनी होगी। सरकार ने छत्तीसगढ़ में लगने वाले उद्योगों में स्थानीय लोगों को आरक्षण देने का प्रावधान पहली बार किया है।

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उद्योगों के लिए खास प्रोत्साहन

मोहम्मद अकबर ने बताया, नई नीति में धान की भूसी से जैव ईधन और इथेनाल बनाने के उद्योगों के लिए खास प्रोत्साहन दिया गया है। कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों, इलेक्ट्रिक उपकरणों, वाहन निर्माण इकाइयों, बैट्री निर्माण और मरम्मत की इकाइयों को प्रोत्साहन दिया जाएगा। उन्होंने कहा, प्राथमिकता और कोर सेक्टर वाले उद्योगों में पुरानी नीति जारी रहेगी। 31 अक्टूबर 2022 तक के लिए नई उद्योग नीति 1 नवम्बर 2019 से प्रभावी हो जाएगी।

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पूरा कबाड़ बेचेगी सरकार
सरकारी विभागों, निगमों-मंडलों में पड़ा पूरा कबाड़ बेचा जाएगा। वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया, इनको विभाग खुद भी नीलाम कर सकता है। नहीं तो सरकार केंद्र सरकार की एजेंसी मेटल स्क्रेप ट्रेड कॉर्पोरेशन -एमएसटीसी के जरिए उन्हें बेच देगी।

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