नौ दिनों तक चलने वाला यह पर्व मां दुर्गा व उनके नौ स्वरूपों को समर्पित किया गया है। माना जाता है जब दानवों ने देवताओं पर आक्रमण कर उनका राजपाठ छीन लिया था तो माता दुर्गा ने गौरी व अन्य नौ रूप धारण कर उन दैत्यों का संघार किया। चूंकि यह युद्ध नौ दिनों तक चला इसीलिए इसे नवरात्रि कहा जाता है।
इस बार चैत्र नवरात्रि पर अष्टमी और नवमी एक ही दिन मनाया जाएगा। इसलिए जो लोग आज अष्टमी का व्रत रख रहें हैं वो आज रात नवमीं लग जाने पर व्रत पूरा हो जाएगा। अष्टमी तिथि आज सुबह 10 बजकर 15 मिनट से शुरू हो जाएगी जो कि 25 मार्च को सुबह 8 बजकर 15 मिनट तक रहेगी । वहीं नवमीं तिथि 26 मार्च को सुबह सूरज निकलने से पहले ही समाप्त हो जाएगी। पुराणों के अनुसार आदिशक्ति मां गौरी बहुत ही सरल, सुलभ और मोहक है। नवरात्रि के आठवें दिन मां गौरी की पूजा की जाती है, इनकी शक्ति ? अमोख व फलदायिनी होती है।
नवरात्रि के अंतिम दिन श्रद्धा भाव से कन्या पूजन किया जाता है, कई लोग अष्टमी के दिन कन्या पूजन करते हैं तो वहीं कुछ लोग नवमीं के दिन। हिंन्दू धर्म में नवरात्रि के वक्त कन्या पूजन को विशेष महत्व दिया गया है। इस वर्ष अष्टमी व नवमीं के साथ रविवार का दिन भी है तो इस दिन शक्ति व सूर्य का संयोग अत्यंत फलदायी होगा।