CG Ward Boy: 16 साल से नौकरी कर रहे कर्मचारियों बढ़ी दिक्कत
2008-09 में दैनिक वेतनभोगी के बतौर सेवाएं दे रहे इन वार्ड ब्वाय को रेगुलर कर दिया गया था। जबकि, शासन ने 1979 से 1997 तक सेवाएं दे रहे कर्मचारियों को नियमित करने को कहा था। बताया जाता है कि तब रिटायर्ड डीएमई की इसमें बड़ी भूमिका थी। भर्ती में लेन-देन कर इन
कर्मचारियों को नियमित किया गया था। ये नियमितीकरण के क्राइटेरिया में भी नहीं आ रहे थे। ऐसे में जिन कर्मचारियों का नियमितीकरण नहीं हुआ था, उन्होंने मामले की शिकायत शासन से की थी।
हाल में मेट्रेन कार्यालय से सभी वार्ड ब्वाय को नोटिस दिया गया है। हालांकि ये नोटिस पहले ही तैयार था, लेकिन त्योहारी सीजन में लगातार छुट्टियों के कारण वे नोटिस लेने के लिए तैयार नहीं थे। इसी सोमवार से सभी को नोटिस दिया गया। नोटिस मिलने के बाद सभी वार्ड ब्वाय की चिंता बढ़ गई है। नोटिस में नियमितीकरण निरस्त करने की बात कही गई है। इसके बाद वे वकीलों से संपर्क कर इसका रास्ता निकालने का सोच रहे हैं। 16 साल से नौकरी कर रहे कर्मचारियों को नोटिस मिलने से उनकी दिक्कतें बढ़ गई हैं।
60 वार्ड ब्वाय की नौकरी जाने से समस्या बढ़ी
अस्पताल में 100 वार्ड ब्वाय स्ट्रेचर अटेंडेंट खींच रहे हैं: अस्पताल में महज 100 के आसपास वार्ड ब्वाय है, जो 1252 बेड की तुलना में कम है। डब्ल्यूएचओ के मापदंड के अनुसार 200 से ज्यादा वार्ड ब्वाय होना चाहिए। वार्ड ब्वाय का काम मरीजों को इलाज व जांच में मदद करना है। हालांकि, कई मौकों पर मरीज व उनके परिजनों को स्ट्रेचर खींचते देखा जा सकता है। ये समस्या लंबे समय से बनी हुई है। लंबे समय से भर्ती भी नहीं हुई है। इसलिए अस्पताल में वार्ड ब्वाय की कमी बनी हुई है। 60 वार्ड ब्वाय की नौकरी जाने से समस्या और बढ़ जाएगी। ऐसे में
अस्पताल प्रबंधन को भर्ती करने की जरूरत पड़ेगी।