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जीरे ने बिगाड़ा थाली का स्वाद
जीरा तड़का लगाने में इस्तेमाल होता है। इसलिए ताकि स्वाद बढ़ जाए, लेकिन जीरा अब ज़ायका ख़राब कर रहा है। कारण यह है कि दामों में अचानक हुई वृद्धि ने पॉकेट ढीली कर दी है। जीरा पिछले महीने की शुरुआत में 250 से 300 रुपए किलो तक बिक रहा था। लेकिन अभी 750 रूपए किलो हो गए है। सप्लाई बंद होने के वजह से हुई बढ़ोतरी के कारण लोग पाव -पाव भर जीरा खरीदने के लिए मजबूर हैं।
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दाल, आटे और टमाटर के साथ इन सब्जियों के रेट भी बढ़ेअक्सर बारिश के मौसम में दाल और सब्जियों के रेट में बढ़ोतरी होती थी। लेकिन इसबार जैसे दाम बढे हैं, यह अप्रत्याशित है। एक महीने के अंदर एचएमटी समेत कई ब्रांड के चावल की कीमत 5-6 रुपए किलो तक बढ़ गई है। गेहूं भी महंगा हुआ है जिसके कारण पिसे हुए आटे का रेट 5 रुपए किलो तक बढ़ गया है। गेहूं की कीमत पिछले महीने 40 रुपए किलो तक ही थी, लेकिन अभी कई ब्रांड ऐसे हैं, जो 50 रुपए किलो में भी बिक रहे हैं।
एक माह में एचएमटी समेत कई ब्रांड के चावल की कीमत 5-6 रुपए किलो तक बढ़ गई है। किराना सामान के साथ सब्जियां भी महंगी बिक रही है। टमाटर की सप्लाई डिमांड से चौथाई है, इसलिए इसकी कीमत बढ़कर 120 रुपए किलो पहुंच गई है। हरे धनिए की कीमत 200 रुपए किलो पहुंच गई है। कुल मिलाकर महंगाई से माध्यम वर्ग त्रस्त है।