CG Nursing Colleges: दो कॉलेजों की मान्यता खत्म
दूसरी ओर आईएनसी ने हाल में दो कॉलेजों की
मान्यता खत्म कर दी है। यही नहीं, हैल्थ साइंस एंड आयुष विवि ने 11 निजी कॉलेजों को एफिलिएशन देने से इनकार कर दिया है। ऐसे में नए सत्र में बीएससी की 700 से ज्यादा सीट कम हो सकती है।
काउंसलिंग का शेड्यूल तय नहीं
सरकारी व निजी नर्सिंग कॉलेजों को आईएनसी व स्टेट नर्सिंग काउंसिल (एसएनसी) से कितनी सीटों को मान्यता मिली है, इसकी जानकारी देनी होगी। इस संबंध में डीएमई कार्यालय ने पहले ही कॉलेजों को पत्र भेज दिया था। (CG Nursing Colleges) अब नए सत्र में प्रवेश के लिए व्यापमं ने प्री नर्सिंग टेस्ट लिया है, लेकिन रिजल्ट नहीं आया है। इस कारण अभी प्रवेश के लिए
काउंसलिंग का शेड्यूल तय नहीं किया गया है।
13 निजी कॉलेजों को मान्यता नहीं
इस बार इंट्रेंस एग्जाम में देरी होने के कारण
काउंसलिंग भी देरी से शुरू होगी। ऐसे में छात्रों को इंतजार करना होगा। एग्जाम हुए 15 दिन हुए हैं। ऐसे में अभी रिजल्ट निकलने में कुछ देरी हो सकती है। पत्रिका की पड़ताल में पता चला है कि प्रदेश के 25 के आसपास ऐसे निजी कॉलेज हैं, जिनके पास स्वयं का भवन नहीं है।
अधिकारियों की मिलीभगत से इन कॉलेजों को हर साल मान्यता (CG Nursing Colleges) मिलती रही है। इस बार 13 निजी कॉलेजों को मान्यता नहीं मिलने से अनुपयुक्त कॉलेजों के खिलाफ कार्रवाई की आस जगी है।
पांच साल 40 से ज्यादा कॉलेज खुल गए
CG Nursing Colleges: पिछले पांच सालों में प्रदेश में 40 से ज्यादा कॉलेज खुल गए हैं। कई कॉलेज केवल एसएनसी से अनुमति से चल रहे हैं। वहां पर न ढंग का इंफ्रास्ट्रक्चर है और न लैब। यहां तक मापदंड के अनुसार लाइब्रेरी, खेल मैदान व पार्किंग की भी नहीं है। क्लीनिकल पोस्टिंग के लिए अस्पताल भी ढंग का नहीं है। जानकार छोटे से राज्य में नर्सिंग की 7026 सीटें होने पर सवाल भी खड़े करते हैं। मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों की सीबीआई जांच हो रही है। कई जानकार यहां भी अनियमितता के खुलासा के लिए ऐसी ही जांच की मांग करते देखे जा सकते हैं।
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अब अभ्यार्थी इस दिन तक कर सकेंगे आवेदन
इंडियन नर्सिंग काउंसिल (आईएनसी) ने तीसरी बार बीएससी नर्सिंग में एडमिशन के लिए तारीख बढ़ाई है। काउंसिल ने अक्टूबर के बाद हुए प्रवेश को अनियमित बैच का नाम दिया है और इसकी पढ़ाई अलग करने को कहा है।
यहां पढ़ें पूरी खबर… 10 सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में अटकी भर्ती
प्रदेश के 10 सरकारी मेडिकल कॉलेजों व इससे संबद्ध अस्पतालों में 6300 से ज्यादा नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती दो साल से अटकी हुई है।
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