राज्य सरकार के निर्देश
CG News: इसकी जानकारी मिलने पर राज्य सरकार के निर्देश पर जेल प्रशासन के अधिकारियों ने निरीक्षण कर बंदियों को दिए जाने वाले भोजन की जांच की। साथ ही
वीआईपी सुविधा लेने वाले रसूखदार बंदियों को सामान्य बैरकों में शिफ्ट किया गया। साथ ही अधिवक्ता संघ की मांग पर बंदियों को उनके परिजनों से मिलने के लिए ई-लीगल मुलाक़ात की सुविधा शुरू की जा रही है।
CG News: बता दें कि इसके पहले भी बंदियों को वीआईपी ट्रीटमेंट दिए जाने की शिकायत मिलने पर तत्कालीन जेल डीजी राजेश मिश्रा ने औचक निरीक्षण किया था। वहीं जिला न्यायाधीश अब्दुल जाहिद कुरैशी ने बंदियों को दिए जाने वाले भोजन की जांच कर क्वालिटी सुधारने के निर्देश दिए थे।
कैदी चलाएंगे चरखा
सेंट्रल जेल रायपुर में जल्दी ही जैन समाज के संगठन चल चरखा के सहयोग से
कैदियों को चरखा चलाने और सूत कातने का प्रशिक्षण मिलेगा। इसके लिए हाथ करघा से बुनाई-कताई शुरू करने की कवायद चल रही है। इससे एक तरफ कैदी को व्यस्त रखने के लिए उनकी रूचि के अनुसार काम दिया जाएगा। वहीं दूसरी तरफ सृजनात्मक गतिविधियों में शामिल होने पर तनाव मुक्त रखने में मदद मिलेगी।
भोजन की क्वालिटी में सुधार
नैफेड द्वारा भेजे गए निम्न स्तरीय राशन के कारण बंदियों ने भोजन की क्वालिटी को लेकर सवाल उठाया था। उच्च स्तर पर इसकी शिकायत के बाद जेल
मुख्यालय ने नैफेड की निविदा को निरस्त कर दिया गया। साथ ही स्थानीय जेल प्रशासन को नए सिरे से राशन की निविदा के अधिकार दिए गए। बता दें कि प्रदेशभर के 33 जेलों में इस समय 18000 से ज्यादा सजायाफ्ता कैदियों और विचाराधीन बंदियों को रखा गया है।