यह औद्योगिक नीति 1 नवंबर 2024 से 31 अक्टूबर 2030 तक लागू रहेगी। राज्य निर्माण के बाद अब तक यह सातवीं औद्योगिक नीति तैयार की गई है। इसके जरिए औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित किया जाएगा। खास बात यह हे कि नई नीति में कोर सेक्टर जैसे स्टील, सीमेंट, ताप विद्युत व एल्यूमिनियम के लिए अलग से प्रावधान किए गए हैं।
CG News: थ्रस्ट व सामान्य उद्योगों का वर्गीकरण
नई नीति में थ्रस्ट व सामान्य उद्योगों को श्रेणीकृत किया गया है। थ्रस्ट उद्योग जैसे दवा उद्योग, टेक्सटाइल, फूड प्रोसेसिंग, कृषि उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी आदि के लिए आकर्षक पैकेज व सुविधा प्रस्तावित की गई है। जीएसटी में समूह (1) से (3) तक उद्योगों के लिए 60 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक छूट रखी गई है। यह छूट 6 से 10 वर्ष के लिए है। स्थायी पूंजी में सामान्य उद्योगों के लिए 15 प्रतिशत अधिकतम 75 करोड़ व थ्रस्ट के लिए 30 प्रतिशत अधिकतम 150 करोड़ का अनुदान है। इसके अतिरिक्त स्टाम्प पंजीयन, मंडी, विद्युत शुल्क इत्यादि अनेक श्रेणी में शुल्क में छूट दी गई है। विशिष्ट उत्पाद के लिए स्थायी पूंजी निवेश में 35 प्रतिशत व अधिकतम 300 करोड़ की छूट है। फार्मास्युटिकल क्षेत्र में अनुसंधान पर भी 3 करोड़ तक अनुदान रखा गया है।
इंटेलीजेंस व रोबोटिक्स उद्योगों के लिए खास अनुदान
नई नीति में 100 करोड़ निवेश करने वाली इकाईयों को अतिरिक्त प्रोत्साहन दिया जाएगा। वहीं आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस व रोबोटिक्स उद्योग के लिए 50 प्रतिशत अधिकतम 450 करोड़ का अनुदान है। एससी व एसटी के विशेष प्रोत्साहन रखा गया है तथा 35 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक छूट रखी गई है। इसके अतिरिक्त स्टार्टअप के लिए प्रावधान है तथा बीमार उद्योग के लिए प्रावधान है।