ग्रामीण भी खेल रहे सट्टा
अब तक राजधानी और इसके आसपास शहरी इलाके में ही ऑनलाइन क्रिकेट सट्टा चलन में था, लेकिन महादेव बुक के आने से गांव-गांव तक पहुंच गया है। इसमें वेबसाइट-मोबाइल ऐप के जरिए सट्टा लगाने और ऑनलाइन भुगतान होने की सुविधा के कारण तेजी से फैला है।
पुलिस ने गूगल को लिखी थी चिट्ठी
रायपुर में करीब दो साल पहले महादेव बुक ऐप से जुड़ा पहला मामला सामने आया था। तेलीबांधा के अवंतिविहार में पुलिस ने यूपी-बिहार के दर्जन भर युवकों को गिरफ्तार किया था। उस समय भिलाई के सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के नाम का खुलासा हुआ था। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की थी। प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों के अलावा कटनी, अनूपपुर, विशाखापटनम सहित कई जगह कार्रवाई की गई। अक्टूबर 2022 में गूगल को साइबर सेल की ओर से चिट्ठी लिखकर महादेव बुक ऐप को प्ले स्टोर से हटाने की मांग की गई थी। इसके बाद ऐप हट गया था। लेकिन महादेव बुक ऐप का एक ही ऐप नहीं है। उसके कई ऐप हैं। पुलिस को कार्रवाई के दौरान जिस ऐप का लिंक मिला था, उसे बंद कराने के लिए भेजा गया था।
दो के खिलाफ है लुकआउट सर्कुलर जारी
मामले में महादेव ऐप के संचालकों में शामिल सौरभ और रवि के खिलाफ जून माह में लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया था। हालांकि इससे पहले दोनों दुबई में शिफ्ट हो चुके हैं। अब तक दोनों को ही सरगना बताया जा रहा था, लेकिन एक कथित वीडियो में शुभम सोनी ने खुद को महादेव बुक ऐप का संचालक बताया है।