CG NEET 2024: बड़ी खबर – नीट देने गए, मिले गलत पर्चे, क्या छात्रों को मिलेगा दोबारा परीक्षा देने का मौका? निर्णय इसके हाथ…
CG NEET 2024: ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट से निजी कॉलेजों में एडमिशन लेने पर सवाल
पत्रिका इस बात पर सवाल खड़ा कर रहा है कि ईडब्ल्यूएस कोटे का सर्टिफिकेट बनाकर निजी कॉलेजों में एडमिशन कैसे ले रहे हैं? अगर वे गरीब हैं तो रजिस्ट्रेशन फीस व सुरक्षा निधि की राशि 1.10 लाख रुपए कैसे जमा कर रहे है। यही नहीं वे निजी कॉलेजों की 33.52 से 36 लाख रुपए तक ट्यूशन फीस भी कैसे जमा कर सकते हैं? ये सवाल न केवल पत्रिका का है, बल्कि जानकार व कई डॉक्टरों ने भी उठाए हैं। गरीब सवर्ण कोटे वाले 6 छात्रों ने निजी कॉलेजों में प्रवेश भी ले लिया है। दरअसल पहले राउंड की काउंसलिंग में 5 सितंबर तक प्रवेश लेना था। पत्रिका की पड़ताल में पता चला है कि 2019 से इस कोटे के तहत हुए एडमिशन में गड़बड़ी हुई है, लेकिन कोई शिकायत नहीं होने के कारण कार्रवाई भी नहीं हुई है।5 साल पहले गरीब सवर्णों को मिला 10 फीसदी आरक्षण
जनवरी 2019 में केंद्र सरकार ने गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने का एलान किया था। इसके बाद प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की सीटें बढ़ गई थीं। जिन कॉलेजों में 150 सीटें थीं, वहां ईडब्ल्यूएस के लिए 30, 100 सीटों के लिए 25 व 50 सीट वाले कॉलेज को 10 अतिरिक्त सीटें दी गईं थीं। तब नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर की सीट 150 से बढ़कर 180 हुई थी। दो साल पहले पहली बार एमबीबीएस की 150 सीट पर दुर्ग के सरकारी कॉलेज को गरीब सवर्ण कोटे से 50 सीट दे दी गई। अधिकारियों के अनुसार सीट बढ़ाकर इसलिए दी गई, ताकि दूसरे केटेगरी के छात्रों का आरक्षण प्रभावित न हो। इस पर चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारी आश्चर्यचकित भी थे।प्रदेश में मेडिकल एजुकेशन में आरक्षण इस तरह
केटेगरी आरक्षण फीसदी में एसटी 32ओबीसी 14
एससी 12
गरीब सवर्ण 10
कुल 68