CG Monsoon 2024: कुछ दिनों में झमाझम बारिश के आसार
हालांकि, इस बीच एक अच्छी खबर पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी से आ रही है, जहां कम दबाव का सिस्टम बन रहा है। इसके प्रभाव से अगले कुछ दिनों में जिले में झमाझम बारिश होने के साथ लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिलने के आसार हैं। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को उत्तर-पश्चिम और निकटवर्ती पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने जा रहा है। नया मानसूनी सिस्टम एक्टिव
इसके प्रभाव से एक बार फिर मानसून एक्टिव होगा और 5 दिन तक प्रदेश के अधिकांश जिलों के साथ ही साथ बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में भी बारिश देखने मिलेगी। अगले 5 दिनों तक जिले में गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश होगी। छत्तीसगढ़ मौसम विभाग की मानें तो सोमवार से नया
मानसूनी सिस्टम एक्टिव हो रहा है। CG Monsoon 2024 इसके चलते प्रदेश में एक बार फिर से बारिश का दौर शुरू होगा।
अगले 5 दिनों तक रायपुर संभाग में बलौदाबाजार-भाटापारा, गरियाबंद, धमतरी के अलावा बस्तर संभाग के कांकेर व दुर्ग संभाग में भारी से मध्यम बारिश की संभावना जताई जा रही है। इस साल अब सितंबर अंत या अक्टूबर के पहले हफ्ते तक मानसून की विदाई संभव बताई जा रही है।
पहर का पारा 33-34 डिग्री के बीच
हफ्तेभर से बलौदाबाजार समेत पूरे जिले में भीषण गर्मी और उमस से लोगों का बुरा हाल है। रविवार शाम तेज बारिश के बाद ठंही हवाएं CG Monsoon 2024 चलने से मौसम ठंडा तो हुआ, लेकिन सोमवार को पूरे दिन तेज धूप के चलते गर्मी के साथ वातवरण में उमस भी बढ़ गया। सोमवार दोपहर का पारा 33-34 डिग्री के बीच था। भीषण गर्मी की वजह से एक ओर जहां लोग हलाकान हैं, वहीं गर्मी में ग्रामीण इलाकों में लोग बार-बार बिजली गुल होने से बेचैन है। जिले में इस साल 15 जून से अब तक जोरदार बारिश हो गई है, लेकिन गर्मी और उमस थमने का नाम नहीं ले रहे। बारिश रूकते ही उमस और गर्मी फिर प्रचंड तांडव करने लगते हैं।
15 जून से 23 सितंबर तक इतनी बारिश…
तहसील बारिश (मिमी) सिमगा 1396 मिमी भाटापारा 1079 मिमी बलौदा 1116 मिमी पलारी 1074 मिमी कसडोल 1161 मिमी लवन 1217 मिमी सुहेला 1102 मिमी टुण्ड्रा 990 मिमी सोनाखान 1149.5 मिमी बता दें कि जिले में अब तक औसत से 116% अधिक बारिश हो चुकी है।
किसानों के लिए अच्छी खबर
CG Monsoon 2024: बारिश के कुछ दिन रूकने, तेज गर्मी और उमस का वातावरण खरीफ धान के लिए अच्छा होता है। किसानों के अनुसार, तेज धूप और उमस से धान के पौधों की बाढ़ मतलब ग्रोथ अच्छी होती है। उमस से धान के पौधों में कंसे भी अधिक आते हैं। बदली के मौसम में फसल पर कीट प्रकोप की अधिक शिकायत आती है परंतु तेज धूप तथा गर्मी की वजह से पौधों में कीट समस्या भी कम होती है। इस वजह से किसानों को दवा तथा कीटनाशक पर भी कम खर्च करना पड़ता है। जिले में इस वर्ष अब तक खरीफ धान की फसल जोरदार है तथा किसान दूसरी बार का खाद का छिड़काव कर अब निश्चिंत हो गए हैं।
CG Monsoon 2024 अरली वैराइटी की धान की फसल में अब बालियां आने लगी है।
तेज धूप से अब तक जिले में कहीं भी कीट प्रकोप तथा धान में बीमारी की स्थिति नहीं है, जिससे किसान निश्चिंत हैं। किसानों के अनुसार धान की फसल के लिए खेतों में अभी पानी तथा नमी भी पर्याप्त है। लिहाजा किसान अब फसल से कुछ दिन निश्चिंत होकर अब पारंपरिक त्योहारों की तैयारी कर रहे हैं।