सदन में सरकार पर घोषणा पत्र में जनता से किए गए 36 वादे पूरे नहीं करने के आरोप पर सीएम भूपेश बघेल ने स्वीकार किया कि 19 वादे पूरे नहीं हुए। इनमें 15 वादों पर कोई काम नहीं हुआ जबकि 4 वादों पर आंशिक रूप से काम किए गए।
ये 19 वादे नहीं हुए पूरे
1. शराब बंदी
2. बेरोजग़ार भत्ता
3. शहरी क्षेत्र में आवासहीन को 2 कमरे का मकान
4. होमस्टेड अधिनियम
5. अनियमित संविदा और दैनिक वेतनभोगी को नियमितिकरण करना और किसी की छंटनी ना करना
6. सर्व वृद्धा पेंशन और वरिष्ठ नागरिक (75 वर्ष से उपर) तथा सर्व विधवा पेंशन को 1000 रुपए देना
7. जल संसाधन नीति
8. सिंचाई शुल्क की माफ़ी
9. हर ब्लॉक में फ़ूड पार्क
10. लोकपाल अधिनियम
11. पत्रकारों वकीलों और डॉक्टरों के संरक्षण के लिए विशेष क़ानून
12. गांव, पारा और टोला जो अन्य किसी मौजूदा योजना में शामिल नहीं किये गए उन्हें ग्राम सड़क योजना से जोडऩा
13. वाइल्ड लाइफ़ कॉरिडोर
14. वैज्ञानिक आयोग
15. पर्यटन मास्टर प्लान और पर्यटन को उद्योग स्वरूप बनाना,
16. राज्य सरकार की नौकरी में आउट सोर्सिंग की पूरी तरह समाप्ति
17. सरकारी स्कूलों में 9 वीं कक्षा के सभी छात्र छात्राओं को मुफ़्त सायकल देना
18. कॉलेज और स्कूली छात्र-छात्राओं को मुफ़्त सार्वजनिक परिवहन सुविधा
19. संपत्ति कर को शहरी इलाक़े में पचास प्रतिशत तक कम करना और ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्णत: समाप्त किया जाना
धान का बकाया बोनस का भी नहीं हुआ भुगतान
राज्य सरकार ने विधानसभा में बताया कि घोषणा पत्र में उल्लेखित “सरकार बनने के 10 दिनों के भीतर किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा, किसानों के 2 वर्ष के धान का बकाया बोनस भुगतान किया जाएगा।” यह वायदा भी शत-प्रतिशत पूरा नहीं हुआ है। राज्य सरकार ने बताया कि दस दिनों के भीतर किसानों का कर्ज माफ तो पूरा हुआ लेकिन किसानों को दो वर्ष के धान का बकाया बोनस भुगतान का काम पूरा नहीं हुआ है।