पुलिस के मुताबिक प्राइवेट बैंक में कार्यरत संजय वर्मा को अज्ञात मोबाइल नंबर के धारक ने वाट्सऐप ग्रुप डबल दी विस्डम में जोड़ दिया। इसके बाद (CG Cyber Crime) ऑनलाइन सर्वे कहा गया। ग्रुप में 100 लोग जुड़े थे। इस कारण उसे भी भरोसा हो गया। 10 दिन बाद उसमें शेयर ट्रेडिंग और आईपीओ के बारे में बताया गया।
इसके बाद संजय की अलग आईडी बनाई गई। इसके बाद ग्रुप में ही मैसेज के जरिए उन्हें आईडी एक्टीवेशन के लिए पैसा डालने कहा गया।संजय ने भी 40 हजार रुपए निवेश कर दिया। दो दिन बाद शेयर मार्केट में ग्रोथ दिखने पर उन्हें उनके आईडी से 500 रुपए निकालने दिया गया। संजय ने 500 रुपए निकाल लिया। इससे उनका भरोसा और बढ़ गया।
CG Cyber Crime: वर्चुअल में 25 लाख का प्रॉफिट दिखा रहे थे ठग
40 हजार रुपए के निवेश पर कुछ समय बाद संजय के वर्चुअल खाते में 25 लाख रुपए का प्रॉफिट दिखा रहा था। इससे संजय काफी उत्साहित हो गया। इस बीच अशोक धनकड़ नाम के व्यक्ति ने उन्हें कॉल किया और उन्हें वीआईपी सदस्य बताते हुए आईपीओ में 40 लाख का निवेश कर दिया, जबकि उसकी जमा राशि महज 30 लाख रुपए थी। बाकी बचे 10 लाख को जमा करने के लिए संजय पर दबाव बनाया गया। संजय ने 10 लाख 45 हजार रुपए ठगों के बताए बैंक खाते में जमा कर दिया। इसके बाद उन्हें 18 लाख 40 हजार रुपए जमा करने कहा गया। इस तरह अलग-अलग तरीके से आरोपियों ने संजय से कुल 44 लाख रुपए जमा करवा लिया।
13 लाख की पैनाल्टी लगाने लगे
जब संजय खातों में दिख रहे अपने पैसों को निकालने लगा, तो ठगों ने पैसा देरी से जमा करने पर पेनाल्टी के रूप में 13 लाख रुपए जमा करने के लिए कहा। इतनी राशि देने के बाद ही पूरी राशि निकालने की जानकारी दी। इससे संजय को समझ में आ गया कि उनके साथ साइबर ठगी हो गई। वो वाट्सऐप ग्रुप (CG Cyber Crime) में सवाल-जवाब करने लगा, तो ग्रुप में को बंद कर दिया गया। इसके बाद संजय ने इसकी शिकायत राजेंद्र नगर थाने में की। पुलिस ने अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया है।