यह भी पढ़ें :
डंडे के प्रहार से गंभीर रूप से घायल महिला ने रायपुर अस्पताल में तोड़ा था दम, पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर भेजा जेल प्रांतीय प्रवक्ता संजय तिवारी ने बताया कि 10 नवंबर को धनतेरस, 12 को नरक चतुर्दशी, 13 को दिवाली, 14 को भाईदूज, गोवर्धन पूजा का त्योहार है। वहीं 17 नवंबर को छठ महापर्व की शुरुआत होगी। ऐसे में 17 नवंबर को मतदान अव्यवहारिक होगा।
यह भी पढ़ें :
हर महीने ऑनलाइन 45-50 हजार रुपए कमाने के लालच में व्यवसायी को लग गई 17 लाख की चपत तिवारी ने बताया कि प्रदेश में गोवर्धन पूजा का पर्व मातर के नाम से तीन-चार दिनों तक मनाया जाता है। ऐसे में अधिकांश कर्मचारी गृह ग्राम सहित विभिन्न प्रदेशों की ओर चले जाते हैं। इधर चुनावी तिथि को देखते हुए मुख्यालय छोड़ने की अनुमति नहीं मिलेगी। 17 को यदि मतदान होता है तो 15 अथवा 16 नवंबर को कर्मचारियों को पेटी उठा निर्वाचन केंद्रों की ओर रवाना होना होगा। इससे हजारों कर्मचारियों की दिवाली एवं छठ महापर्व में खलल होगा। वहीं मतदान प्रतिशत भी कम होगा। अतः 17 की बजाय 25 नवंबर को मतदान कराया जाना चाहिए।