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Banking : छोटे जिले पैसे बचा रहे तो रायपुर कर्जा उठा रहा

छोटे कर्जे का बड़ा गणित: किसानी में भी कर्ज लिए बिना ही घर से पैसा लगा रहे लोग

रायपुरMar 31, 2022 / 12:03 am

शिव शर्मा

Banking : छोटे जिले पैसे बचा रहे तो रायपुर कर्जा उठा रहा

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सब हेड- छोटी-मोटी जरूरतें सरकार की योजनाओं से पूरी कार्ड से पूरी
पत्रिका खास खबर
शिव शर्मा
रायपुर। बरसों से धारणा रही है कि कर्जा कम लो, बचत ज्यादा करो..! छत्तीसगढ़ के किसानों ने इस फॉर्मूले को पूरी तरह अपना रखा है। इसीलिए सिर्फ राजधानी को छोडक़र बाकी 27 जिलों में बैंकों में ज्यादा पैसा जमा हो रहा है, कर्ज बहुत कम ले रहे हैं। उनकी छोटी-मोटी जरूरतें सरकारी योजनाओं के कार्ड से पूरी हो जाती हैं। यहां तक कि खेती में भी वे अपनी जेब का ही पैसा लगा रहे हैं। नक्सल प्रभावित जिलों के लोग भी कर्जे पर निर्भर नहीं हैं। उनका ज्यादा जोर बचत में है। कम और ज्यादा कर्जे का अंतर समझने के लिए देखें रायपुर और कोरिया का उदाहरण। राजधानी का कर्ज-बचत अनुपात (सीडी रेश्यो) 108.1 प्रतिशत है। यहां के लोगों ने 58030.46 करोड़ रुपए बैंकों में जमा किए तो 62732.06 करोड़ रुपए का कर्जा लिया है। वहीं कोरिया के लोगों ने 5135.48 करोड़ रुपए बैंक में जमा किए, लेकिन कर्जा सिर्फ 1371.21 करोड़ रुपए लिया। यानी सीडी रेश्यो सिर्फ 26.69 प्रतिशत है।
ये नतीजे हैं प्रदेश के बैंकों की सीडी रेश्यो रिपोर्ट के। अक्टूबर-नवंबर-दिसंबर 2021 की हाल ही में जारी हुई सीडी रेश्यो रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के लोगों ने 100 रुपए बैंक में जमा किए हैं, लेकिन कर्जा सिर्फ 66.58 रुपए ही लिया है। कुल रकम की बात करें तो 132061.59 करोड़ रुपए का कर्जा लिया है, लेकिन बैंकों में जमा 198355.60 करोड़ रुपए किया है। इसमें सबसे बड़ा योगदान छोटे शहरों का है। 15 जिले ऐसे हैं जिन्होंने जमा के मुकाबले आधे से भी कम कर्ज लिया है।
नक्सल प्रभावित जिले भी कर्ज के मोहताज नहीं
बता दें कि प्रदेश के नक्सल प्रभावित जिलों के भी लोगों को भी कर्ज से ज्यादा बचत करने में भरोसा है। बस्तर में लोगों ने 4764.64 करोड़ रुपए बैंकों में जमा किया और कर्ज सिर्फ 2567.36 करोड़ रुपए लिया। दंतेवाड़ा, नारायणपुर, बीजापुर, सुकमा, कोंडागांव सभी की कमोबेश यही स्थिति है।
पिछले 2 साल से मौसम धोखा नहीं दे रहा है। खेती भी अच्छी हो रही है। सरकार सब्सिडी हाथ में और धान में बोनस भी मिल रहा है, जिसकी वजह से कर्ज लेने की जरूरत नहीं पड़ रही है। जो आय होती है उसे हम बैंक में जरूरत के समय काम आने के लिए रखते हैं।
-राम प्रकाश टंडन, किसान राजनांदगांव
प्रदेश का सीडी रेश्यो बेहतर होने का कारण छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य होना है। लोगों को खेती से अच्छी आय हो रही है। हालांकि सीडी रेश्यो कम होना राज्य के विकास के लिए अच्छी बात नहीं है। लोग कर्ज लेकर नया रोजगार शुरू नहीं कर रहे हैं। लोगों के पास पैसा तो है, लेकिन व्यापार और रोजगार में पूंजी निवेश नहीं कर रहे हैं।
शक्ति सिंह ठाकुर,
महासचिव, सेंट्रल बैंक प्रदेश कर्मचारी संघ

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