बैठक के समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने कहा, कांग्रेस सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर संवेदनहीन है। साढ़े चार वर्षों में स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार के लिए कोई गंभीर प्रयास छत्तीसगढ़ की सरकार ने नहीं किया। सरकारी खजाने की 50 प्रतिशत राशि पर डाका डाला जा रहा था। ऐसे में ईडी की कार्यवाही से कांग्रेस सरकार का बौखलाना स्पष्ट करता है कि भ्रष्टाचार सरकार की रग-रग में बसा है।
स्वास्थ्य सेवाओं का कर दिया कबाड़ चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक डॉ. विमल चोपड़ा ने कहा, प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के 36 के आंकड़े ने स्वास्थ्य सेवाओं का कबाड़ कर दिया है। डॉ. चोपड़ा ने ग्रामीण चिकित्सकों के संबंध में सदस्यों की ओर से आई इस मांग का समर्थन किया कि ग्रामीण चिकित्सक जो बिना डिग्री के वर्षों से इलाज कर रहे हैं, उनको प्रशिक्षण देकर सम्मान पूर्वक प्रैक्टिस करने दिया जाए।
बैठक को प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय, चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश प्रभारी लोकेश कावड़िया ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में राजनैतिक प्रस्ताव पारित किया गया। प्रस्ताव का पाठन डॉ. राकेश शर्मा कोरिया ने किया। समर्थन डॉ. दिग्विजय सिंह बिलासपुर व डॉ. हरिकृष्ण गंजीर ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अखिलेश दुबे, डॉ. अशोक त्रिपाठी, डॉ. सतविंदर छाबड़ा ने किया। आभार प्रदर्शन डॉ. शैलेष खण्डेलवाल ने किया।