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भूपेश बोले-राजनीतिक अस्थिरता की कोशिश सफल नहीं होगी,नेतृत्व जिस दिन कहेगा, पद त्याग दूंगा

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को दिल्ली में सुबह करीब 11 बजे कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की। यहां उनके साथ करीब पौन घंटे की चर्चा हुई। इसके बाद वे सीधे रायपुर के लिए रवाना हो गए। उनकी यह मुलाकात कई मायने में काफी अहम रही।

रायपुरAug 26, 2021 / 09:55 am

Karunakant Chaubey

भूपेश बोले-राजनीतिक अस्थिरता की कोशिश सफल नहीं होगी,नेतृत्व जिस दिन कहेगा, पद त्याग दूंगा

भूपेश बोले-राजनीतिक अस्थिरता की कोशिश सफल नहीं होगी,नेतृत्व जिस दिन कहेगा, पद त्याग दूंगा

रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिल्ली में कांग्रेस के आलाकमान को छत्तीसगढ़ की राजनीतिक स्थिति स्पष्ट कर बुधवार की दोपहर रायपुर पहुंचे। यहां पहुंचते ही ढाई-ढाई साल के फार्मूले को लेकर उनके तीखे और सख्त तेवर दिखाई दिए। रायपुर एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री ने किसी का नाम लिए बिना कहा, जो ढाई-ढाई साल का राग अलाप रहे हैं, वे राजनीतिक अस्थिरता लाने की कोशिश कर रहे हैं। इसमें वो कभी सफल नहीं होंगे।

इस मामले में प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने भी स्पष्ट कर दिया है। मुख्यमंत्री ने एक बार फिर यह दोहराया कि मैंने पहले भी कहा था, फिर कह रहा हूं जब तक आदेश है, तब तक इस पद पर हूं। जब वे कहेंगे, तब इस पद का त्याग कर दूंगा। इसमें किसी को कोई संशय नहीं होना चाहिए।

दिल्ली से रायपुर लौटे CM भूपेश बघेल बोले – ढाई साल का राग आलाप रहे हैं वह कभी सफल नहीं होंगे

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को दिल्ली में सुबह करीब 11 बजे कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की। यहां उनके साथ करीब पौन घंटे की चर्चा हुई। इसके बाद वे सीधे रायपुर के लिए रवाना हो गए। उनकी यह मुलाकात कई मायने में काफी अहम रही।

माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के मौजूदा राजनीतिक हालात की विस्तार से जानकारी दी है। एयरपोर्ट पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, दिल्ली प्रवास के दौरान राहुल गांधी, पीएल पुनिया और केसी वेणुगोपाल से मुलाकात हुई। छत्तीसगढ़ की योजनाओं और यहां के विकास के बारे में बात हुई है। राजनीतिक स्थिति के बारे में भी चर्चा की गई। उन्हें यहां की स्थिति से अवगत कराया गया।

किसान के बेटे का मुख्यमंत्री बनाना भाजपा के लिए चुनौती

भाजपा के चिंतन शिविर को लेकर मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, यहां किसानों की सरकार है, इसलिए भाजपा वैसे भी परेशान है। यहां किसान का बेटा मुख्यमंत्री है। इसे वे सबसे बड़ी चुनौती मानते हैं। इसका जवाब उनके पास नहीं है।
पर भरोसा, तीन परोसा की सरकार

भाजपा के बयान पर मुख्यमंत्री ने कहा, भाजपा 2003 से लेकर 2018 तक लगातार पर भरोसा तीन परोसा की सरकार रही है। पहली बार भाजपा को छत्तीसगढ़ में अपनी असलियत के बारे में जानकारी हुई है। आज वो 15 साल में 14 सीट में सिमट गए हैं।

जहां तक सरकार की बात, तो सोनिया जी ने राहुल जी ने मुझ जैसे किसान को सरकार की जिम्मेदारी सौंपी और ये सरकार किसान, आदिवासी और मजदूरों की है। ये छत्तीसगढ़ के 2 करोड़ 80 लाख लोगों की सरकार है और सबका प्रतिनिधित्व करती है।

मंत्री टीएस सिंहदेव अभी भी दिल्ली में

मुख्यमंत्री के बाद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी बुधवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल से चर्चा की है। मंत्री सिंहदेव ने भी अपनी बातों को रखा है। इसके बाद भी वे अभी दिल्ली में ही हैं। माना जा रहा है कि एक-दो दिन में वापस लौटेंगे।

एयरपोर्ट पर जमकर नारेबाजी

मुख्यमंत्री के स्वागत के लिए एयरपोर्ट पर कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, मंत्री अमरजीत भगत, कई विधायक और निगम-मंडल के अध्यक्ष भी पहुंचे थे। यहां बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने ‘छत्तीसगढ़ अड़ा हुआ है, भूपेश बघेल संग खड़ा हुआ है’ जैसे नारे लगाए।

रेलवे स्टेशन आपके दादा ने बनवाया था

मुख्यमंत्री ने केंद्र के निजीकरण के फैसले को लेकर एक ट्वीट किया है। इसमें बिहार में हुई एक सभा का वीडियो डालते हुए मुख्यमंत्री ने लिखा है, मैं आज फिर पूछ रहा हूं, जो रेलवे स्टेशन को बेच रहे हो, ये क्या आपके दादा जी ने बनाया था? जो ये हवाई अड्डा अडानी को बेच दिए, ये क्या आपके नाना जी ने बनाए थे?

लड़ाई अभी थमी नहीं- कौशिक

इस मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा, दिल्ली में विकास पर चर्चा की बात करने वाले मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ लौट कर जिस प्रकार ढाई-ढाई साल के फार्मूले पर चर्चा की उससे स्पष्ट होता है, कांग्रेस में अंतर्कलह और सीएम के कुर्सी की लड़ाई अभी थमी नहीं हैं। यह अभी शुरुआत हैं। भूपेश के नेतृत्व में यह लड़ाई कांग्रेस में लंबी चलने वाली हैं और कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को निर्णय करने में समय लगेगा।

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