Baster Olympics: बता दें कि बस्तर ओलंप) आत्मसमर्पित नक्सलियों की टीम ओपन वर्ग में उतरेंगी। वहीं, उनके अनाथ बच्चों को जूनियर वर्ग (अंडर-़14 से 17 वर्ग) में खेलने का मौका मिलेगा। इनके अलावा एक टीम नक्सल हिंसा में विकलांग हुए नक्सलियों (
Naxalist) की उतरेगी, जो समर्पण कर चुके हैं।
बस्तर ओलंपिक का आयोजन 1 नवंबर से विकासखंड स्तर से शुरू होगा और संभाग स्तर पर समाप्त होगा। इसमेें 10 खेलों की प्रतियोगिताएं कराई जाएंगी।
Baster Olympics: नक्सलियों की टीमें सीधे संभाग स्तर पर उतरेंगी
बस्तर ओलंपिक में समर्पित और हिंसा में विकलांग हुए नक्सलियों की टीमें सीधे संभाग स्तर पर उतरेंगी। इसमें नक्सल हिंसा में विकलांग हुए युवाओं की टीमें अलग से होंगी। ओपन वर्ग में समर्पित नक्सलियों की टीमें शामिल होगी। समर्पित नक्सलियों, हिंसा में विकलांग हुए
नक्सलियों की टीमों की सूची पुलिस विभाग की ओर से भेजी जाएगी। उनके लिए अलग से पंजीयन की व्यवस्था नहीं है।
खेलों से नक्सली हिंसा में कमी आने का दावा
अधिकारियों के मुताबिक, बस्तर के युवाओं को पढ़ाई और खेलों में व्यस्त रखने से उन्हें नक्सली भर्ती के प्रयासों से दूर रखा जा सकेगा। हाल ही में भाकपा
माओवादियों ने एक बुकलेट जारी की थी। इसमें उन्होंने निरंतर
सुरक्षाबल के अभियानों के कारण कैडरों की भर्ती में आने वाली कठिनाइयों को स्वीकार किया था। बस्तर ओलंपिक आमतौर पर उस समय के आसपास होगा, जब नक्सली गांवों में घूमते हैं। युवाओं को अपने साथ जोडऩे या उन्हें अपनी फोर्स में शामिल करने की कोशिश करते हैं।
तीन चरणों में आयोजन, पंजीयन 1 अक्टूबर से
पंजीयन प्रक्रिया: 1 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक, समस्त जनपद व नगर पंचायत/पालिका एवं विकासखंड शिक्षा व खेल अधिकारी कार्यालय में विकासखंड स्तर आयोजन: 1 से 10 नवंबर, समस्त 32 विकासखंडों में 1 दिवसीय जिला स्तरीय आयोजन: 10 से 22 नवंबर, 2 दिवसीय, समस्त जिला मुख्यालयों में संभाग स्तरीय: 25 से 30 नवंबर, 3 दिवसीय, प्रियदर्शनी स्टेडियम परिसर, जगदलपुर, बस्तर
इन खेलों मेें होगी स्पर्धा
1- एथलेटिक्स (100, 200, 400मीटर दौड़/ लंबी कूद/ऊंची कूद, शॉटपुट/ डिक्कस थ्रो/जैवलिन थ्रो/4 गुणा100 मीटर रिले रेस), 2-तीरंदाजी, 3-बैडमिंटन, 4-फुटबॉल, 5-हॉकी जिला स्तर, 6-वेटलिफ्टिंग जिला स्तर, 7- कराते, 8- कबड्डी, 9-खो-खो, 10- वालीबॉल, 11- रस्साकसी।