उनका कहना है कि किसी भी मशीनरी सामान को ज्यादा समय तक उपयोग और देखरेख नहीं करने से इंजन बैठ जाता है। स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट के निदेशक एसडी शर्मा ने बताया कि यह नीतिगत मामला है और सारी रिपोर्ट हमारे द्वारा मुख्यालय को भेजी जा चुकी है। अब इस विमान के संबंध में मुख्यालय ही कोई फैसला करेगी।
बंद हो चुकी है विमानन कंपनी
बांग्लादेश की यूनाइटेड एयरवेज कंपनी को नुकसान होने और तकनीकी खराबी के चलते फ्लाइटों के ग्राउंट होने के बाद 2016 में बंद हो चुकी है। बताया जाता है कि कामकाज समेटने के कारण कंपनी द्वारा कोई जबाव नहीं दिया जा रहा है। हालांकि फ्लाइट के खराब होने के बाद कंपनी के इंजीनियरों की टीम 2019 में इसे सुधारने के लिए पहुंची थी। इस दौरान विमान को 300 मीटर खिसकाने के बाद पार्किंग क्षेत्र में सुरक्षित रूप से रखा गया था। साथ ही कंपनी के टीम में शामिल अधिकारियों ने जल्द ही विमान को ले जाने की बात कही थी। दोनों देशों के बीच होगी चर्चा
फ्लाइट को लेकर 2023 में नीलामी करने की कवायद शुरू हुई थी। लेकिन, विमानन कंपनी से कोई जवाब नहीं देने पर मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। इस समय बांग्लादेश की स्थिति को देखते हुए किसी भी तरह की पहल होने की संभावना दिखाई नहीं दे रही है। हालात के सामान्य होने पर दोनों देशों के बीच अधिकारिक स्तर पर बातचीत के बाद ही फ्लाइट के वापसी हो सकती है।
4 करोड़ पार्किंग शुल्क, 90 ईमेल भेजने के बाद बांग्लादेश की यूनाइटेड एयरलाइन्स ने साधी चुप्पी
रायपुर एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा बांग्लादेश की यूनाइटेड एयरवेज कंपनी को 90 से अधिक पत्र और ईमेल भेजा जा चुका है। इसमें 4 करोड़ रुपए पार्किंग शुल्क देने और विमान को ले जाने कहा गया है। लेकिन, अब तक उनकी ओर से कोई जवाब तक नहीं आया है। इसके चलते अब तक फ्लाइट रायपुर एयरपोर्ट में पार्किंग क्षेत्र में रखा गया है। बता दें कि बांग्लादेश की यूनाइटेड एयरवेज कंपनी के मैकडॉनल डगलस (एमडी 83) 7 अगस्त 2015 को ढाका से 173 यात्रियों को लेकर मस्कट जा रहा था। इस दौरान 32000 फीट की उचाई पर उड़ान भरते समय विमान में इंजन और पंखो में खराबी आने पर उसे आपात स्थिति में रायपुर एयरपोर्ट में उत्तारा गया। इसके बाद दूसरे विमान से यात्रियों को मस्कट के लिए रवाना किया गया। इसके बाद से फ्लाइट एयरपोर्ट पर खड़ा है।