CG News: अधिकारियों ने ठेकेदारों के साथ मिलकर की साजिश
ईडी ने बताया है कि विभिन्न धाराओं के तहत पुलिस द्वारा दर्ज तीन अलग-अलग एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की गई थी। इसमें आरोप लगाया है कि अधिकारियों ने ठेकेदारों के साथ मिलकर साजिश करते हुए डीएमएफ घोटाला किया। डीएमएफ अनुबंधों को फर्जी तरीके से हासिल करने के लिए ठेकेदारों ने भ्रष्ट सार्वजनिक अधिकारियों को अनुबंध मूल्य के 15 से 42 प्रतिशत तक कमीशन और अवैध भुगतान किया। इसके इनपुट मिलने के बाद मामले की जांच मनी लॉन्ड्रिंग के तहत की जा रही थी।
नकदी और ज्वेलरी जब्त
ईडी ने घोटाले की जांच करने के लिए ठेकेदारों, लोकसेवकों और उनके सहयोगियों के विभिन्न परिसरों में तलाशी ली थी। इस दौरान 2.32 करोड़ नकदी और आभूषण जब्त किए गए थे। इस मामले में अब तक अपराध की कुल आय 90.35 करोड़ रुपए की अचल और चल संपत्ति शामिल है। DMF Scam: रानू और माया की न्यायिक रिमांड 17 तक बढ़ी
कोयला व डीएमएफ घोटाले में जेल भेजी गई रानू साहू और माया वारियर की ईडी की कोर्ट में पेशी हुई। इस दौरान अदालत में दोनों की न्यायिक रिमांड 17 दिसंबर तक बढ़ा दी गई है। वहीं, रानू साहू के कथित सहयोगी मनोज द्विवेदी को भी कोर्ट में पेश किया गया। आरोप है कि मनोज द्विवेदी ने रानू साहू के साथ मिलकर डीएमएफ के सरकारी पैसों का गबन किया है।
इनकी संपत्ति अटैच
डीएमएफ घोटाला मामले में इन संपत्तियों का स्वामित्व आईएएस रानू साहू, माया वारियर, राधेश्याम मिर्जा, भुवनेश्वर सिंह राज, वीरेंद्र कुमार राठौड़, भरोसा राम ठाकुर, संजय शेंडे, मनोज कुमार द्विवेदी, ऋषभ सोनी और राकेश कुमार शुक्ला की शामिल है।