scriptAdsmeta Encounter: सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अनदेखी, डेढ़ माह बाद भी CBI को नहीं सौंपी फ़ाइल | Adsmeta Encounter: CG govt not submitted Adsmeta kand file to CBI | Patrika News
रायपुर

Adsmeta Encounter: सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अनदेखी, डेढ़ माह बाद भी CBI को नहीं सौंपी फ़ाइल

Adsmeta Encounter: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा एडसमेटा कांड (Adsmeta Kand) की फ़ाइल अब तक सीबीआई को नहीं सौंपी गई है।

रायपुरJun 23, 2019 / 07:01 pm

Ashish Gupta

सुप्रीम कोर्ट ने आयोध्या मामले पर मांगी स्टेटस रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने आयोध्या मामले पर मांगी स्टेटस रिपोर्ट

रायपुर. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के बावजूद छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा एडसमेटा कांड (Adsmeta Encounter) की फ़ाइल अब तक सीबीआई को नहीं सौंपी गई है। विगत 3 मई को सुप्रीम कोर्ट ने बीजापुर के एडसमेटा कांड (Adsmeta Kand) की जांच छत्तीसगढ़ के बाहर की एजेंसी से कराने के आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश डीपी चौहान की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया गया था।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही राज्य के मामलों की जांच बाहर की एजेंसी से कराने की मनाही कर दी थी। कोर्ट के आदेश के लगभग एक माह बाद छत्तीसगढ़ पुलिस ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर उक्त केस को सीबीआई को सौंपे जाने की इजाजत मांगी है मगर अब तक उन्हें इजाजत नहीं मिली है। गौरतलब है कि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस लगातार इस मामले की सीबीआई जांच की मांग करती रही है।

बाहर के अधिकारी से जांच का है आदेश
केन्द्रीय एजेंसियों और छत्तीसगढ़ सरकार की तनातनी के बीच इस बार सुप्रीम कोर्ट का आदेश आ गया है। एडसमेटा कांड को लेकर कोर्ट ने कहा है कि आदिवासियों से जुड़े इस गंभीर मामले में बिना कारगर जांच के पांच साल निकल चुके हैं। हम इस बात पर सहमत है कि इस महत्वपूर्ण मामले की जांच सीबीआई को सौंप देनी चाहिए।

सीबीआई निदेशक को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस मामले की जांच उस अधिकारी से कराई जाए जो छत्तीसगढ़ का न हो। एडसमेटा कांड के तत्काल बाद तत्कालीन रमन सिंह सरकार ने एसआईटी का गठन किया था। इसके अलावा जस्टिस वीके अग्रवाल के नेतृत्व में एक ज्यूडिशियल कमीशन भी बनाया गया था। यह कमेटी अभी तक इस मामले की जांच कर रही है फरवरी 2019 में इस कमेटी का कार्यकाल 6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया था ।

क्या था मामला
दक्षिण बस्तर के एडसमेटा गांव के पास वर्ष 2013 में 17-18 मई की रात को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच गोलीबारी में तीन बच्चों और सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन के एक जवान समेत आठ ग्रामीणों की जान चली गई थी।

ग्रामीणों का कहना था कि वे सभी देवगुडी में बीज त्यौहार मनाने के लिए इकठ्ठा हुए थे। इसी दौरान पुलिस मौके पर पहुंची और निर्दोषों को दौड़ा दौड़ा कर मारा। कर्मा पाडू, कर्मा गुड्डू, कर्मा जोगा, कर्मा बदरू, कर्मा शम्भू, कर्मा मासा, पूनम लाकु, पूनम सोलू की मौत हो गई। इसमें तीन बेहद कम उम्र के बच्चे थे । कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमले से ठीक 8 दिन पहले घटी इस घटना को मानवाधिकार उल्लंघन की गंभीर घटनाओं में गिना जाता हैं ।
छत्तीसगढ़ डीजी डीएम अवस्थी ने कहा, विगत पांच जून को गृह मंत्रालय को इस सम्बन्ध में पत्र लिखा गया है आदेश मिलते ही इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी ।

गृह सचिव सी के खेतान ने कहा, कानून के आधार पर निर्णय लिया जाएगा।
Adsmeta Encounter से जुड़ी खबरें यहां पढ़िए

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter और Instagram पर या Download करें patrika Hindi News App.

Hindi News / Raipur / Adsmeta Encounter: सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अनदेखी, डेढ़ माह बाद भी CBI को नहीं सौंपी फ़ाइल

ट्रेंडिंग वीडियो