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ऐसे फंसाते हैं ठग
इस तरह की ठगी करने वाले कई लोगों के मोबाइल नंबरों का डेटा खरीद लेते हैं। फिर उन्हें वाट्सऐप में मैसेज करते हैं। इन मैसेजों में यूट्यूब वीडियो लाइक-सब्सक्राइब्स, शेयर, वेबसाइट रिव्यू करने पर अधिक पैसा देने का दावा करते हैं। मैसेज देखकर ही लोग उनसे बातचीत करते हैं। इसके बाद ठग उन्हें टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ते हैं। शुरुआत में उन्हें सामान्य काम देते हैं। जैसे किसी यूट्यूब चैनल को लाइक करने या शेयर करने कहते हैं। इसके बदले में उन्हें पैसा देते हैं। इससे पीडि़त का उन पर भरोसा बढ़ जाता है। इसके बाद असली गेम शुरू होता है। साइबर ठग पीडि़त को कुछ रकम जमा करने कहते हैं।
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400 करोड़ से ज्यादा की ठगी पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस पैटर्न से ऑनलाइन ठगी करने वाला काफी शातिर गिरोह है। रायपुर ही नहीं देश भर में इस तरह की ठगी कर रहा है। कुछ माह पहले गिरोह से जुड़े एक आरोपी को मुंबई पुलिस ने पकड़ा था। उस दौरान पता चला था कि इस गिरोह ने देशभर में करीब 400 करोड़ रुपए की ऑनलाइन ठगी की है। ठगी का पूरा पैसा भारत से बाहर दूसरे देश में गया था।
-गौरव तिवारी, टीआई, साइबर थाना, रायपुर