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रायपुर

एक साथ 3000 जूनियर डॉक्टर बेमियादी हड़ताल पर, इमरजेंसी सर्विस भी ठप….इधर बढ़ रही मरीजों की संख्या

Raipur Junior Doctors On Strike: स्टायपेंड बढ़ाने और बॉन्ड अवधि घटाने की मांग पर प्रदेशभर के तीन हजार जूनियर डॉक्टर मंगलवार से बेमियादी हड़ताल पर चले गए हैं।

रायपुरAug 03, 2023 / 01:03 pm

Khyati Parihar

3000 junior doctors together on indefinite strike

एक साथ 3000 जूनियर डॉक्टर बेमियादी हड़ताल पर

Junior Doctors On Strike: रायपुर। स्टायपेंड बढ़ाने और बॉन्ड अवधि घटाने की मांग पर प्रदेशभर के तीन हजार जूनियर डॉक्टर मंगलवार से बेमियादी हड़ताल पर चले गए हैं। बुधवार से जूडा ने इमरजेंसी सेवाएं भी ठप कर दी हैं। हालांकि, बदले हुए मौसम में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अस्पताल कैंपस में जहां हड़ताल कर रहा है, जूडा ने उसी पंडाल के नीचे ओपीडी लगाकर मरीजों की जांच की।
हड़ताल के चलते प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी डॉ. आंबेडकर अस्पताल में मरीज और परिजन इलाज के लिए भटकते नजर आए। बता दें कि जूनियर डॉक्टरों ने एक हफ्ते पहले ही बेमुद्दत हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया था। मंगलवार को केवल ओपीडी में काम (CG Hindi News) ठप कर चेतावनी दी कि अब इमरजेंसी सेवाएं भी बाधित होंगी। सरकार ने मांगें नहीं मानी। इसके चलते बुधवार से इमरजेंसी सेवाएं भी ठप कर दी गई हैं। जूनियर डॉक्टर अस्पताल के अंदर अब एक भी मरीज नहीं देख रहे हैं। रायपुर के अलावा सरगुजा, कांकेर, जगदलपुर, रायगढ़ और राजनांदगांव के सरकारी (Strike News) मेडिकल कॉलेज में भी जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से मरीजों को परेशानी हो रही है।
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छत्तीसगढ़ में सबसे कम स्टायपेंड

Junior doctors on indefinite strike: जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. मनु प्रताप सिंह ने बताया, आसपास के राज्य जैसे मध्यप्रदेश, झारखंड से भी कम स्टायपेंड छत्तीसगढ़ के जूनियर डॉक्टरों को मिलता है। दूसरे प्रदेशों में जहां 90 हजार रुपए तक का फंड है। छत्तीसगढ़ में 50-55 हजार रुपए ही मिलते हैं। किसी भी प्रदेश में 4 साल के बॉन्ड नहीं भरवाए जाते। केवल छत्तीसगढ़ में ऐसा हो रहा है। बीते 4 सालों में स्टायपेंड नहीं बढ़ाया गया। इससे मजबूरन हड़ताल का कदम उठाना पड़ा।
चरमराया सिस्टम

जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के डॉ. प्रीतम ने बताया कि मंगलवार को केवल ओपीडी ठप की गई थी। अब रूटीन, ओपीडी के साथ इमरजेंसी सर्विस में सेवाएं देनी भी बंद कर दी है। सभी सरकारी कॉलेज के 3 हजार पीजी, इंटर्न, बांड भरे हुए डॉक्टरों ने काम बंद कर दिया है। मांगें (CG Strik News) अब जब तक पूरी नहीं हो जातीं, हम एक भी मरीज की जांच या इलाज नहीं करेंगे।

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