शुक्रवार की दोपहर जब चाइल्ड लाइन की टीम पहुंच कर बालिका का उम्र की जानकारी मांगी तो परिजनों द्वारा आधार कार्ड दिया गया, जिसे विभाग द्वारा खारिज करते हुए जन्म प्रमाण पत्र की मांग की गई, जिससे बालिका के पिता ने कहा कि वह गांव में रहता है, जिससे उसका जन्म प्रमाण पत्र नहीं है और न ही बालिका किसी स्कूल में पढ़ी है। ऐसे में विभागीय अधिकारियों ने फोन कर मध्यप्रदेश के जिस गांव में ये रहते हैं वहां के स्कूल से दाखिल खारीज मंगाया गया, जिसकी जांच की गई तो पता चला कि उक्त बालिका १६ साल १० माह की है, जिससे तत्काल शादी को रोकवाते हुए बालिका और उसकी मां को चाइल्ड लाइन लाया गया है।
शादी रोकवाने के लिए जब टीम पहुंची तो वहां कोई इनका सपोट करने वाला नहीं था। ऐसे में इसकी सूचना कोतवाली पुलिस को दी गई। इससे करीब आधा दर्जन पुलिस बल मौके पर पहुंची और मामले में पूछताछ शुरू हुई। साथ ही शादी शुक्रवार ही होने के कारण परिजन चाहते थे कि किसी भी तरह शादी हो जाए, लेकिन विभाग ने इनके मनसुबो पर पानी फेर दिया।
शुक्रवार की दोपहर जब बाल विवाह की जानकारी मिली तो जिला बाल संरक्षण अधिकारी दीपक डनसेना, परियोजना अधिकारी शहरी महिला बाल विकास अधिकारी मितेंद्र रंजन बेहरा, पर्वेक्षक चेतना पटेल, परिवेच्क्षा अधिकारी जितेंद्र खत्री तथा चाइल्ड लाईन की टीम के साथ कोतवाली पुलिस मौके पर मौजूद रही।
वर्जन
रामलीला मैदान स्थित दादू दयाल धर्मशाला में बाल विवाह की सूचना मिलने पर शादी को रोकवाया गया है, बालिका को फिलहाल चाइल्ड लाइन लाकर पूछताछ की जा रही है।
दीपक डनसेना, बाल संरक्षण अधिकारी, रायगढ़