सबसे ज्यादा रायपुर जिले के 160 बालक-बालिकाओं को ढूंढा गया है। इसके बाद महासमुंद जिले के 38, धमतरी के 9, बलौदाबाजार के 30 और गरियाबंद के 8 बालक-बालिकाओं को अलग-अलग राज्यों से बरामद किया गया है। इन्होंने अलग-अलग कारणों से अपना घर छोड़ दिया था। इनके परिजनों ने अलग-अलग थानों में उनके लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी।
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Operation Muskaan: 20 साल पहले गायब बालिका भी मिली
Operation Muskaan: रायपुर जिले के बरामद हुए नाबालिगों में वर्ष 2004 से लापता बालिका भी शामिल हैं। वह शादीशुदा है और अपने परिवार के साथ दूसरे शहर में रह रही है। इसी तरह वर्ष 2008 और वर्ष 2009 से लापता दो बालिका को भी ढूंढ लिया गया है। ये सभी दूसरे शहरों में हैं। इसके अलावा, वर्ष 2007 में घर छोड़ने वाले बालक को भी ढूंढ लिया गया है। अपने बच्चों के सुरक्षित मिलने या अपने परिवार के साथ जीवित रहने की जानकारी पाकर कई परिवारों को बड़ी राहत मिली है।
इन राज्यों में मिले
ऑपरेशन मुस्कान के दौरान पुलिस की टीमों ने तमिलनाडु, महाराष्ट्र, ओडिशा, हरियाणा, पश्चिम बंगाल सहित प्रदेश के विभिन्न शहरों में सर्चिंग अभियान चलाया। इस दौरान 20 बालक और 225 बालिकाओं को बरामद किया गया। इसके बाद उन्हें सुरक्षित उनके परिजनों को सौंपा गया। नाबालिगों के लापता होने पर पुलिस ने अपहरण का अपराध दर्ज कर जांच शुरू की। आईजी अमरेश मिश्रा ने पुलिस अफसरों की बैठक के दौरान घर छोड़ने वाले नाबालिगों को ढूंढने के लिए विशेष पहल करने का निर्देश दिया था। इसके बाद पुलिस ने 1 से 31 जनवरी के बीच ऑपरेशन मुस्कान चलाया। इसके तहत रायपुर रेंज के सभी जिलों में पुलिस की विशेष टीमें बनाई गईं और लापता हुए नाबालिगों की तलाश शुरू की गई।