इस कार्य में संलिप्त लोगों द्वारा एक स्थान पर कार्रवाई होने के कुछ दिनों बाद दूसरे स्थान पर प्लाटिंग का खेल शुरू कर देते हैं। जिले में दो से तीन ऐसे ग्रुप कार्य कर रहे हैं जो कि पहले तो शहरी क्षेत्र के अंदर या फिर शहर से लगे क्षेत्रों में भूमि की तलाश करते हैं भूमि मिलने के बाद संबंधित भू-स्वामी को प्रलोभन देकर उसे तैयार करते हुए अनुबंध कर लेते हैं, जिसके बाद अवैध प्लाटिंग का खेल शुरू होता है।
इसमें भू-स्वामी को प्रत्येक प्लाट की रजिस्ट्री के बाद एक नियत कीमत पहुंच जाती है जिसके कारण भू-स्वामी भी मौन रहता है। हांलाकि अवैध प्लाटिंग के लिए भूमि को डेवलप करने से लेकर बिक्री करने तक का पूरा कार्य कोई और करता है लेकिन जब शिकायत होती है तो संबंधित भू-स्वामी पर कार्रवाई होता है।
छले जाते हैं क्रेता अवैध प्लाट के कारोबार में लगे लोगों द्वारा प्लाट विक्रय करने के लिए मुलभूत सुविधाओं की बात ही नहीं करते हैं सिर्फ मुख्य मार्ग से प्लाट तक पहुंच मार्ग बना दिया जाता है। शेष मुलभूत कार्य नहीं किया जाता है जिसके कारण वहां प्लाट लेकर रहने वाले लोगों के लिए समस्या शुरू होती है।
नहीं कर पाते शिकायत चूंकि जिस जगह में क्रेता प्लाट लेते हैं उक्त कालोनी का न तो कोई एप्रुवल होता है न ही कालोनी विकास अनुज्ञा ली गई होती है जिसके कारण वहां के रहवासी संबंधित की शिकायत भी नहीं कर पाते हैं।
पहाड़ मंदिर के पीछे पंडरीपानी में सड़क से लगकर दस कदम की दूरी में प्लाटिंग करने के बाद बकायदा बाऊंड्रीवॉल किया गया है तो वहीं इससे लगे भूमि में भी प्लाटिंग करने के लिए सड़क का निर्माण किया जा चुका है और भूमि समतलीकरण किया जा रहा है। मैट्रो अस्पताल के प्रवेश द्वार के सामने मुख्य मार्ग के दूसरी छोर में किए गए प्लाटिंग में अब खरीददारों ने बाऊंड्री का काम शुरू कर दिया है।
अवैध प्लाटिंग की शिकायत पर जांच कर कार्रवाई की जाती है, लेकिन इसमें जिसके नाम पर भूमि है उसी पर प्रकरण बनता है। कई जगहों में अवैध प्लाटिंग को लेकर एफआईआर की कार्रवाई की गई है।
गगन शर्मा, एसडीएम रायगढ़