CG Fraud: सफेद चावल में चल रहा काला खेल, कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति
CG Fraud: रायगढ़ जिले में पीडीएस चावल के रिसायकल का खेल जिले में पिछले लंबे समय से चल रहा है। इसकी भनक संबंधित विभाग के अधिकारियों को होने के बाद भी अब तक कार्रवाई नहीं हो रही थी। अब टीम ने पीडीएस चावल से लोड आटो को जब्त करते हुए 6 क्विंटल चावल के साथ एक आटो पकड़ा गया है।
CG Fraud: सफेद चावल में चल रहा काला खेल, कार्रवाई के नाम पर खानापूर्तिछत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में पीडीएस चावल के रिसायकल का खेल जिले में पिछले लंबे समय से चल रहा है। इसकी भनक संबंधित विभाग के अधिकारियों को होने के बाद भी अब तक कार्रवाई नहीं हो रही थी। पिछले दिनों शासन से आदेश जारी होने के बाद अब जिले में खानापूर्ति करने के लिए कार्रवाई करते हुए 6 क्विंटल चावल के साथ एक आटो पकड़ा गया है।
CG Fraud:सिर्फ चावल क्रय करने वालों को पकड़कर कार्रवाई की जा रही
CG Fraud: मंगलवार की दोपहर में खाद्य निरीक्षक चूड़ामणि सिदार और अंजनी राव की टीम मिली सूचना के आधार पर जूटमिल क्षेत्र में जांच करने के लिए पहुंचे। इस दौरान जूटमिल थाना के सामने जा रही एक आटो क्रमांक सीजी 13 यूएफ 2054 में चावल की बोरी लोड देखकर आटो को रोककर जांच पड़ताल शुरू की। चावल की जांच की गई तो पीडीएस का चावल निकला। टीम ने पीडीएस चावल से लोड आटो को जब्त करते हुए जूटमिल थाने के सुपुर्दगी में रखवाया।
वहीं चालक चालक पुरुषोत्तम निषाद के खिलाफ प्रकरण बनाया गया। टीम ने बताया कि उक्त आटो चालक पीडीएस का चावल हितग्राहियों से खरीदकर कांशीराम चौक लेकर जा रहा था। विदित हो कि कांशीराम चौक से छातामुड़ा चौक व पटेलपाली तक कई राइसमिल संचालित हैं। समय-समय पर यह बात सामने भी आई है कि कुछ राइसमिलों में पीडीएस का चावल खप रहा है। विदित हो कि इसके पूर्व भी शहर में पीडीएस चावल से लोड आटो का दो प्रकरण और बनाया गया है, लेकिन खाद्य विभाग के अधिकारी इसके तह तक जाने का प्रयास नहीं किए। सिर्फ चावल क्रय करने वालों को पकड़कर कार्रवाई दिखाया जा रहा है इस चावल को जहां खपाया जा रहा है उन तक न तो खाद्य विभाग की टीम पहुंच पाई है न ही पुलिस।
नहीं होता है मिलों का भौतिक सत्यापन
हर बार कस्टम मिलिंग के लिए राइसमिलरों द्वारा जितनी मात्रा में धान का उठाव किया जाता है उसके एवज में चावल जमा समय पर नहीं होता है। वर्तमान में जिले में 32 हजार क्विंटल चावल जमा होना शेष है, लेकिन र्कई मिलों में उठाव किया गया धान नहीं है। इस बात की भनक भी संबंधित विभाग को होने के बाद भी मिलों का भौतिक सत्यापन करने से बचते हुए दिख रहे हैं। ऐसी स्थिति में खरीफ सीजन आने के पूर्व इन मिलरों द्वारा एकाएक चावल जमा कर दिया जाता है। बिना धान के चावल जमा होने की बात को लेकर कई तरह के सवाल उठते हैं।
बताया जाता है कि पीडीएस का चावल लेने के बाद हितग्राही इसे आटो लेकर घुम रहे एजेंट के पास विक्रय कर देते हैं। कई दुकानों में दुकान संचालक सीधे इनको विक्रय कर देते हैं। इसके बाद इसे राइसमिल और किराना दुकानों में खपाया जाता है। राइसमिल इसे वापस कस्टम मिलिंग का चावल दिखाकर जमा कर देते हैं, तो किराना दुकान संचालक उक्त चावल की सफाई व पॉलिस कराकर इसे महंगे दामों में वापस बाजार में विक्रय कर देते हैं। शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाती है। बीते बुधवार को शिकायत मिलने पर कार्रवाई की गई है। चावल कहां जा रहा था। इसका खुलासा नहीं हो सका है।
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