प्रयागराज/वाराणसी. पेपर लीक प्रकरण से विवादों में घिरे यूपी पब्लिक सर्विस कमीशन ने गुरूवार को बड़ा कदम उठाते हुए पीसीएस -2018 की मेंस की परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है। यह परीक्षाएं सत्रह से इक्कीस जून तक होनी थीं । मामले में वाराणसी के एसपी क्राइम ज्ञानेंद्र और क्राइम ब्रांच प्रभारी विक्रम सिंह ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा नियंत्रक, सचिव अंजू लता कटियार को हिरासत में लिया, जिसके बाद उनकी पेशी वाराणसी भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट के जज लालचंद के आवास पर हुई, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया ।
परीक्षाएं क्यों टाली गईं, फिलहाल कमीशन के पास इसका कोई जवाब नहीं है। वैसे ज़्यादातर अभ्यर्थियों ने पीसीएस की मुख्य परीक्षाएं टाले जाने के फैसले का स्वागत किया है। कमीशन ने अभी कोई नई तारीख भी घोषित नहीं की है। आशंका जताई जा रही है कि एलटी ग्रेड भर्ती परीक्षा के पेपर लीक प्रकरण में परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार के खिलाफ केस दर्ज होने और प्रिंटिंग प्रेस संचालक की गिरफ्तारी के बाद मचे कोहराम से बचने के लिए कमीशन ने बैकफुट पर आते हुए यह कदम उठाया है।
वहीं इस मामले पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा नियंत्रक अंजू लता कटियार ने वाराणसी में पेशी के दौरान मीडिया से कहा कि उनके उनके ऊपर लगाये गये सारे आरोप निराधार हैं और जांच के बाद खुलासा हो जायेगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपना काम ईमानदारी से किया है और वह पूरी तरह बेकसूर हैं।
बता दें कि इस मामले में तमाम अभ्यर्थियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी अर्जी दाखिल की थी। हाईकोर्ट में शुक्रवार से होने वाली सुनवाई से ठीक पहले कमीशन ने गुरूवार को अचानक मुख्य परीक्षाएं टालने का एलान कर सभी को चौंका दिया है। यूपी पीसीएस 2018 की प्रारंभिक परीक्षाएं पिछले साल हुई थीं, जिसमे पांच लाख से ज़्यादा अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इसी साल तीस मार्च को प्री परीक्षा के नतीजे घोषित किये गए, जिसमें 19608 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया था। इन अभ्यर्थियों को सत्रह से इक्कीस जून तक होने वाली मुख्य परीक्षा में शामिल होना था।
इस बीच परीक्षा का पैटर्न बदलने के बाद कई अभ्यर्थियों ने मुख्य परीक्षा को टाले जाने की मांग की। इस मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी भी दाखिल की गई थी। हाईकोर्ट में इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई होनी है। यूपी पब्लिक सर्विस कमीशन ने पिछले दिनों एलटी ग्रेड टीचर्स के साढ़े दस हजार पदों के लिए जो भर्ती परीक्षा आयोजित की, उसका पेपर लीक होने की चर्चा ज़ोरों पर रही थी । एसटीएफ ने इस मामले में जांच करते हुए कोलकाता के प्रिंटिंग प्रेस संचालक कौशिक कुमार को तीन दिन पहले गिरफ्तार कर लिया था। एसटीएफ ने वाराणसी पुलिस के साथ मिलकर कमीशन में छापेमारी भी की। यहां की परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार का लैपटॉप व मोबाइल फोन जब्त कर उनके समेत नौ लोगों के खिलाफ वाराणसी में मुकदमा दर्ज किया गया।
चर्चा इस बात की भी है कि प्रिंटिंग प्रेस संचालक के पास से पीसीएस मेंस परीक्षा के प्रश्न पत्र भी बरामद हुए हैं। इस बीच अभ्यर्थियों व छात्र संगठनों ने कमीशन के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और जगह जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। समझा जा रहा है कि कई फ्रंट पर घिरने के बाद कमीशन ने आनन फानन में परीक्षाएं टाले जाने का फैसला लिया। कमीशन के सचिव जगदीश ने जो प्रेस नोट जारी किया है, उसमे न तो कोई वजह बताई गई है और न ही नई तारीख घोषित की गई है। कमीशन के ज़िम्मेदार अफसरान इस मामले में कैमरे के सामने आने को राजी भी नहीं हुए। वैसे ज़्यादातर अभ्यर्थियों ने परीक्षाएं टाले जाने के फैसले का स्वागत किया है।
सामाजिक विज्ञान व हिंदी विषय के पेपर आउट हुए थे बता दें कि राजकीय विद्यालयों की एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के सामाजिक विज्ञान व हिंदी विषय के पेपर आउट हुए थे। पीसीएस तथा एसीएफ एवं आरएफओ प्री 2018 परीक्षा 28 अक्तूबर 2018 को प्रदेश के 29 जिलों में 1381 परीक्षा केंद्रों पर हुई थी। कुल पंजीकृत 635844 परीक्षार्थियों में से 62.42 प्रतिशत परीक्षा में शामिल हुए थे। पीसीएस के 988 पदों पर मुख्य परीक्षा के लिए 19096 तथा एसीएफ और आरएफओ के 92 पदों के लिए 2245 अभ्यर्थियों को सफल किया गया था।
BY- Prasoon pandey/Devesh singh
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