उत्तर प्रदेश बार काउंसिल का चुनाव रविवार को प्रयागराज में हुआ था। इस चुनाव में दरवेश सिंह और उनके प्रतिद्ंवदी वाराणसी के हरिशंकर सिंह को बराबर 12-12 वोट मिले थे । बराबर वोट पाने के कारण बार काउंसिल ने सर्वसम्मति से पहले 6 महीने में दरवेश सिंह को बार काउंसिल का अध्यक्ष और अगले 6 महीने बाद बार काउंसिल के अध्यक्ष के तौर पर हरिशंकर सिंह को शपथ लेना था। दो दिन पहले जीत का जश्न मनाकर प्रयागराज से गई दरवेश सिंह की हत्या की खबर मिलते ही अधिवक्ताओं में आक्रोश फैल गया। दरवेश सिंह उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के 24 सदस्यों में अकेली महिला सदस्य थी।
उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के सदस्यों ने दरवेश सिंह की हत्या के पीछे सुरक्षा और सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि सरकार अधिवक्ताओं की सुरक्षा को कभी भी तरजीह नहीं देती है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य श्री नाथ त्रिपाठी ने फोन पर बताया कि नवनिर्वाचित अध्यक्ष के मौत की खबर बेहद दुखद है। उन्होंने कहा कि हम मांग करते हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार बार काउंसिल के अध्यक्ष उपाध्यक्ष और सदस्यों की सुरक्षा को लेकर स्थाई निर्णय ले और सुरक्षा प्रदान करें। साथ ही उन्होंने सरकार से मांग की कि तत्काल प्रभाव से सरकार बार काउंसिल के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का प्रोटोकाल सुनिश्चित करें।
बार काउंसिल उत्तर प्रदेश के सदस्य सीनियर एडवोकेट जानकी शरण पांडे ने कहा कि हमारी नवनिर्वाचित अध्यक्ष की मौत बेहद दुखद है इस मौत को हम जाया नहीं जाने देंगे। गुरूवार को अधिवक्ता कार्य बहिष्कार करेगें और सरकार से तत्काल सुरक्षा मुहैया कराने के लिए मांग करेेेेंगे।
अधिवक्ता नेता अभिमन्यु यादव ने कहा कि हम देशभर के युवा अधिवक्ताओं से संपर्क में है। यह जघन्य अपराध है हम कठोर सजा की मांग करते हैं ।