सबसे बड़ा सवाल: योगी के मंत्री का अतीक से क्या सच में कोई गहरा रिश्ता?
उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक अहमद की बहन आयशा ने योगी सरकार में मंत्री और इलाहाबाद दक्षिण से विधायक नंद गोपाल नंदी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। नंदी की पत्नी और प्रयागराज की मेयर अभिलाषा का नाम भी अतीक के परिवार ने लिया है।
अतीक की बहन का कहना है कि नंद गोपाल नंदी पर उनके भाई का 5 करोड़ उधार है। दूसरी तरफ उनकी भाभी शाइस्ता को बसपा ने प्रयागराज से मेयर चुनाव लड़ाने का भी ऐलान किया है। ऐसे में अतीक परिवार की ओर उठा सवाल गंभीर है कि क्या नंदी ने ही उमेश पाल हत्याकांड का षड्यंत्र रचा, जिससे शाइस्ता परवीन महापौर का चुनाव न लड़ सकें और उधार का पैसा भी ना लौटना पड़े?
अतीक के परिवार के आरोप के बाद समाजवादी पार्टी ने नंद गोपाल नंदी और अतीक की साथ में फोटो शेयर करते हुए भी उनके रिश्ते पर सवाल खड़े किए थे। अतीक के बहन की ओर से साजिश और 5 करोड़ के लेनदेन के आरोप पर नंदी पर लगे हैं। सपा ने भी इस मामले में सवाल खड़े किए हैं लेकिन अभी तक कोई जवाब पुलिस की ओर से नहीं दिया गया है।
दूसरा सवाल: आरोपियों से पूछताछ की बजाय एनकाउंटर क्यों?
उमेश पाल की हत्या में शामिल रहने का दावा करते हुए पुलिस ने 2 लोगों को एनकाउंटर में मार गिराया है। इसमें दूसरे एनकाउंटर पर काफी विवाद है, जिसमें मृतक का नाम घर के लोग विजय तो पुलिस उस्मान बता रही है।
विजय या उस्मान के एनकाउंटर से सवाल उठ रहा है कि क्या जल्दीबाजी में एनकाउंटर किए जा रहे हैं। आखिर पुलिस इन शूटर्स को पकड़कर इस हत्याकांड के पीछे की साजिश का पर्दाफाश करने की जगह एनकाउंटर क्यों कर रही है?
तीसरा सवाल: उमेश तो राजूपाल केस में गवाह ही नहीं थे तो हत्या क्यों?
उमेश पाल की हत्या की वजह अब तक उनका राजू पाल केस में गवाह होना कहा जा रहा है। सीबीआई की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि उमेश उनके गवाहों की लिस्ट में नहीं हैं। उमेश 2006 में ही अतीक के पक्ष में बयान दे चुके थे, ऐसे में उनको गवाहों की लिस्ट से सीबीआई ने हटा दिया।
उमेश पाल और राजू पाल की पत्नी पूजा पाल रिश्ते में भाई-बहन लगते हैं। इसके बावजूद ये भी एक सच्चाई है कि दोनों के बीच काफी समय से संबंध अच्छे नहीं थे। इसकी वजह पूजा ने सार्वजनिक तौर पर उमेश का अतीक के साथ मिल जाना कही थी।
Prayagraj Hatyakand में नया पेंच, राजू पाल हत्याकांड के गवाहों में उमेश पाल का नाम ही नहीं
पूजा पाल उमेश की मौत के बाद उनके घर गई थीं। इस दौरान उमेश की पत्नी ने उनको इस बात का ताना भी दिया कि तुम उमेश को अतीक का करीबी कहती थीं। ये तो साफ है कि राजू पाल मर्डर केस अब पूरी तरह से पूजा पाल ही लड़ रही थीं। फिर उमेश निशाने पर क्यों लिए गए?उमेश की हत्या के पीछे प्रोपर्टी डीलिंग या राजनीति तो नहीं?
इन सब सवालों के बीच एक बड़ा सवाल ये उठता है कि उमेश पाल की हत्या की हत्या की और क्या वजह हो सकती है? उनका नाम राजू पाल केस के गवाहों से CBI निकाल चुकी थी, तो फिर उसकी अतीक से वो कौन सी दुश्मनी थी, जिसमें उनकी हत्या की गई। जब वो गवाह ही नहीं तो गवाह होने की वजह से उनकी हत्या क्यों होगी? ऐसा सोचने पर दो तरफ शक जाता है।
पहला- उमेश पाल प्रोपर्टी डीलिंग भी करते थे। ऐसे में क्या उनका अतीक से जमीन पर कोई विवाद था? जिसमें टकराव इतना बढ़ा कि नौबत हत्या तक आ गई।
दूसरा- उमेश राजनीति में थे। जिला पंचायत के सदस्य रह चुके थे। वो 2022 का विधानसभा लड़ने के भी इच्छुक थे। आगे भी महत्वाकांक्षा रखते थे। तो क्या राजनीतिक महत्वाकांक्षा उनकी हत्या की वजह बन गई?