दरअसल, प्रयागराज में 24 फरवरी को उमेश पाल को सरेआम गोलियों से भून दिया गया। उनकी हत्या का आरोप परिवार ने पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके परिवार पर लगाया है। इस हत्या की वजह उमेश का राजू पाल मर्डर केस में मुख्य गवाह होना कहा गया है। फैक्ट ये है कि उमेश का नाम राजू पाल केस के गवाहों की लिस्ट में ही नहीं है।
CBI ने उमेश पाल को गवाही के लिए विश्वसनीय ही नहीं माना
प्रयागराज में 2005 में उस वक्त के बसपा विधायक राजू पाल की हत्या कर दी गई थी। इस केस में अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ आरोपी हैं। इस केस की जांच पहले प्रयागराज पुलिस और इसके बाद CB-CID ने की थी। इन दो एजेंसियों के बाद अब इस केस की जांच सीबीआई कर रही है।
सीबीआई ने 2016 में इस केस को अपने हाथ में लिया था। इस समय लखनऊ के स्पेशल कोर्ट में इसका ट्रायल चल रहा है। इंडियन एक्सप्रेस ने सीबीआई के हवाले से की गई रिपोर्ट में कहा है कि 2005 के राजू पाल हत्याकांड में एजेंसी केस हाथ में लेने के बाद उमेश का नाम गवाहों की लिस्ट से हटा चुकी है। इसकी वजह सीबीआई ने उमेश का स्थानीय अदालत में होस्टाइल हो जाना कहा है।
पुलिस ने जांच में बनाया था उमेश का गवाह
सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा है कि उमेश पाल को यूपी पुलिस ने राजू पाल हत्याकांड की जांच के दौरान गवाह के तौर पर शामिल किया था। 2006 में पुलिस की चार्जशीट में ही उमेश पाल होस्टाइल गवाह के तौर पर दर्ज हैं। सीबीआई ने जांच अपने हाथ में ली तो पाया कि उमेश गवाह के तौर पर विश्नसनीय नहीं हैं। ऐसे में उनको गवाहों की लिस्ट से हटा दिया गया।
राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने भी ये कहा था कि उमेश पाल ने अतीक के दबाव में बयान बदल दिया था। अतीक के लोगों ने उमेश का अपहरण कर धमकाया था, जिसके बाद वो कोर्ट में पलट गए थे।
सीबीआई की चार्जशीट में अतीक और अशरफ का नाम
राजू पाल हत्याकांड में उनकी पत्नी पूजा की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया था। इसके बाद 22 जनवरी, 2016 को सीबीआई ने ये केस हाथ में लिया। अगस्त 2019 में सीबीआई चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। चार्जशीट में अतीक अहमद और अशरफ सहित 10 लोगों का नाम है।
पुलिस भी अभी हत्या के कारणों पर स्पष्ट नहीं?
इंडियन एक्सप्रेस ने उमेश पाल हत्याकांड की जांच में शामिल एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के हवाले से कहा है, “हम अभी तक उमेश पाल की हत्या के पीछे के सही कारण का पता नहीं लगा पाए हैं। कई लोगों से पूछताछ की जा रही है और जांच जारी है। हम जांच के बारे में ज्यादा नहीं बता सकते।”
फिर उमेश पाल की हत्या की वजह क्या?
उमेश पाल की हत्या में सबसे अहम कारण अभी तक राजू पाल के केस में उनका गवाह होना कहा गया है। अगर वो इस केस में गवाह ही नहीं थे तो फिर उनकी हत्या की क्या वजह हो सकती है।
उमेश की हत्या पर पुलिस अफसर ने नाम ना छापने की शर्त पर कहा है कि इसके पीछे दूसरे गवाहों को डराने की कोशिश हो सकती है। वहीं उमेश पाल के एक करीबी ने कहा कि उमेश गवाही से पलट गए थे लेकिन 2007 में उन्होंने अतीक के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कराया था।