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कुछ नागा ऐसे होते हैं जो नये नाम से अपना आधार कार्ड बनाते हैं। नागाओं की साधना व नियमों को देखते हुए नये नाम से आधार कार्ड बन जाता है लेकिन उसके पहले उन्हें शपथ पत्र देना होता है कि मेरा यह वास्तविक नाम है लेकिन नागा बनने के नियमो के चलते नये इस नाम से आधार कार्ड बनाना पड़ रहा है इसके बाद ही उनका नये नाम से आधार कार्ड बनता है। यह सुविधा सिर्फ नागा को ही मिल पाती है क्योंकि उनकी आराधना से जुड़े नियमे अलग होते हैं।
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नाम न छापने की शर्त पर नागा ने बताया कि हम लोग पढ़ाई एंव अन्य चीजों से जुड़े दस्तावेज भी साथ रखते हैं लेकिन किसी को दिखाते नहीं है। जबकि कुछ नागा ऐसे हैं जो अपने पास कोई दस्तावेज रखना नहीं चाहते हैं। कठिन तप व दिनचर्या के सहारे नागा इतनी ताकत जुटा लेते हैं जो आम आदमी से उन्हें अलग कर देता है लेकिन आधार कार्ड ऐसी चीज है जिसे बनवाने के लिए नहीं चाहते हुए भी नागाओं को अपनी पुरानी पहचान दर्ज करानी होती है यही ऐसा दस्तावेज है, जिसके रिकॉर्ड नागा की सही पहचान बता सकते हैं।
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