अखाड़ों के स्नान के लिए समय निर्धारित
प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने रविवार को तीनों शाही स्नान के लिए अखाड़ों का क्रम जारी कर दिया। प्रत्येक अखाड़े को स्नान के लिए 30 मिनट से लेकर एक घंटे तक का समय निर्धारित किया गया है। सबसे अंत में निर्मल अखाड़े के संत पुण्य की डुबकी लगाएंगे। स्नान के लिए अखाड़ों के संत सुबह 5:15 बजे से बैंड बाजा और डीजे के साथ रथों पर सवार होकर यात्रा शुरू करेंगे। अमृत स्नान के लिए निकली इस यात्रा में संतों के शिष्य और अनुयायी चंवर, छत्र और दंड लिए पुष्प वर्षा करते हुए साथ चलेंगे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कुम्भ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने अखाड़ों से अनुरोध किया है कि उनके साथ स्नान के लिए जाने वाले खालसों और महामंडलेश्वरों की संख्या मेला प्रशासन द्वारा प्रेषित सूची के अनुसार ही सीमित रखी जाए।
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अखाड़ों के संगम जाने का रास्ता तय
स्नान के लिए जाने वाले रथों और वाहनों की संख्या मेला पुलिस द्वारा जारी पास के अनुसार ही निर्धारित की जाएगी। अखाड़ों का संगम क्षेत्र (सेक्टर तीन) में अमृत स्नान के लिए आगमन त्रिवेणी मार्ग सेक्टर 20 से पीपा पुल संख्या छह (त्रिवेणी दक्षिणी) और पीपा पुल संख्या सात (त्रिवेणी मध्य) के जरिए गंगा पार करके होगा। वहां त्रिवेणी मार्ग और अखाड़ा मार्ग के क्रॉसिंग पर बाएं मुड़कर निर्धारित संगम घाट पर स्नान की व्यवस्था की गई है। संगम क्षेत्र में अखाड़ों के वाहनों के लिए विशेष पार्किंग व्यवस्था भी की गई है। यह भी पढ़ें