तीर्थराज प्रयाग के निवासी और “प्रयाग पुत्र” के नाम से प्रसिद्ध राकेश कुमार शुक्ला ने महाकुंभ के महत्व पर विस्तार से चर्चा। उन्होंने इसे न केवल आध्यात्मिक शुद्धिकरण का पर्व बताया, बल्कि इसे डिजिटल डिटॉक्स का भी माध्यम कहा। अपनी कॉफी टेबल बुक में उन्होंने महाकुंभ के इस पहलू का विशेष रूप से उल्लेख किया है।
‘चार हिस्सों में बांटा जा सकता है कुंभ’
मेला विशेषज्ञ और 2019 कुंभ में केंद्र सरकार के विशेष सलाहकार रहे राकेश कुमार शुक्ला ने कहा कि कुंभ पर्व है, इसे मेला ना बनाएं। कुंभ को चार हिस्सों में बांटा जा सकता है। पहला आध्यात्मिक परिकल्पना, दूसरा प्रबंधन, तीसरा अर्थव्यवस्था और चौथा वैश्विक भागीदारी। हर श्रद्धालु के लिए यह समझना आवश्यक है कि कुंभ क्या है? क्यों मनाया जाता है? कैसे मनाया जाता है? और यह महाकुंभ कैसा होगा? यह भी पढ़ें