न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल ने आगरा के मोहम्मद इमरान काजी के खिलाफ आईटी अधिनियम की धारा- 67 और भारतीय दंड संहिता की और तमाम धाराओं के तहत पेंडिंग आपराधिक कार्यवाही को रद्द करते हुए यह टिप्पणी की है।
जज ने कहा, ‘मुझे ऐसी कोई सामग्री नहीं मिली जो आवेदक को किसी आपत्तिजनक पोस्ट से जोड़ सके, क्योंकि आवेदक के फेसबुक और व्हाट्सऐप पर कोई आपत्तिजनक पोस्ट उपलब्ध नहीं है।