मामले में हाईकोर्ट के जस्टिस ओम प्रकाश त्रिपाठी और जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता ने यह टिप्पणी विशेष न्यायाधीश, बुलंदशहर द्वारा पारित दोषसिद्धि के आदेश और अपीलकर्ताओं को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302/34 के तहत प्रत्येक पर 10,000/- रुपये के जुर्माने के साथ आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ अपीलकर्ताओं द्वारा दायर एक आपराधिक अपील पर सुनवाई के दौरान की है।
प्रयागराज•Mar 03, 2022 / 03:40 pm•
Sumit Yadav
हाईकोर्ट ने कहा- सीआरपीसी धारा 161 के तहत दर्ज गवाह का बयान है सिर्फ क्रॉस एक्जमीनेशन के लिए
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