इसके लिए भारतीय स्टेट बैंक ने एक अक्टूबर से बैंकिंग के कई नियमों में बदलाव कर दिया है। साथ ही बैंक के सर्विस चार्ज की नई दर भी लागू कर दी गई है। जिसके तहत अब बचत खाताधारकों को एक वित्त वर्ष में 25 चेक वाली बुक की जगह सिर्फ 10 चेक वाली चेक बुक मुफ्त में दी जाएगी। यह चेक बुक खत्म होने पर 10 चेक वाली दूसरी बुक लेने पर ग्राहकों को 40 अदा करने होंगे। जबकि इसके बाद दूसरी चेक बुक लेने के लिए पहले 30 देने पड़ते थे। वही एसबीआई के ग्राहकों के लिए 25 चेक वाली चेक बुक फ्री में मिलने से खाताधारकों को दूसरी चेक बुक इश्यू कराने की जरूरत कम पड़ती थी ।लेकिन अब बैंक ने बदलाव करते हुए 25 से कम करते हुए 10 चेक की किताब देने का फैसला किया है। जिसके लिए 40 देने होंगे।
पर्यावरण बचाने के लिए
बैंक ने मेट्रो शहरों में एसबीआई ने अपने ग्राहकों को एटीएम से अधिकतम 10 बार फ्री ट्रांजैक्शन की सुविधा दी है। वहीं अन्य शहरों में अधिकतम 12 बार मुफ्त ट्रांजैक्शन किया जा सकेगा। अभी तक इसके लिमिट मात्र 6 बार की ही थी इसके अलावा एनईएफटी और आरटीजीएस के जरिए ट्रांजैक्शन का भी रास्ता साफ कर दिया गया है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंधक उत्तम वर्मा के मुताबिक नियमों में बदलाव डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए किया गया है।वहीं चेक बुक में चेक की संख्या घटाने का निर्णय पर्यावरण बचाने के लिए लिया जा रहा है। कागज बनाने के लिए लगातार पेड़ काटे जा रहे हैं। बैंक में प्रतिदिन सुबह से ऐसे चेक आते हैं जिन पर भुगतान की राशि एक हजार से भी कम होती है। बैंक ग्राहकों पर शुल्क लगाकर बैंक कमाई नहीं कर रहा बल्कि ग्राहकों को डिजिटल लेनदेन बढ़ाने की एक कोशिश की जा रही है।