न्यायिक आयोग ने दी क्लीन चिट
न्यायिक आयोग की रिपोर्ट में बताया गया कि अतीक और अशरफ हत्याकांड पूर्व नियोजित नहीं था। पुलिस की तरफ से कोई भी लापरवाही नहीं बरती गई और पुलिस के लिए घटना को टालना संभव नहीं था। उस समय प्रयागराज पुलिस की गिरफ्त में रहे दोनों माफिया की सुरक्षा को लेकर पुलिस ने कोई लापरवाही नहीं बरती। स्थिति ही ऐसी बनी की घटना को टालना संभव नहीं था।
कौन-कौन था जांच कमेटी में शामिल?
अतीक और अशरफ हत्याकांड की जांच के लिए न्यायिक जांच टीम गठित की गई थी। इस टीम में झारखंड उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायमूर्ति अरविंद कुमार त्रिपाठी, पूर्व पुलिस महानिदेशक सुबेश कुमार सिंह के साथ सेवानिवृत जिला जज बृजेश कुमार सोनी शामिल थे। आपको बता दें कि 15 अप्रैल 2023 को मेडिकल के लिए अस्पताल पहुंचे अतीक अहमद और अशरफ पर मीडिया के भेष में आए सनी सिंह, लवलेश तिवारी और अरुण मौर्य नाम के तीन लड़कों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर मार दिया था।