फर्जी शिक्षिका मामला: प्रयागराज में अनामिका बन रीना कर रही थी ंनौकरी, इस तरह किया विभाग को गुमराह
प्रयागराज. उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के लिए अबूझ पहेली बन चुकी अनामिका शुक्ला (Anamika Shukla Fraud Case) फर्जीवाड़ा केस में एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं। फर्जी शिक्षिका अनामिक शुक्ला के डॉक्यूमेंट्स सार्वजनिक हुए हैं, जिसके बाद यह बात सामने आई है कि 25 जिलों में से एक प्रयागराज में अनामिका शुक्ला के डॉक्यूमेंट्स का इस्तेमाल हुआ था। लेकिन यहां खुद अनामिका नहीं बल्कि फर्रुखाबाद जिले की रीना नौकरी कर रही थीं। हालांकि, रीना को यहां अभी एक भी पैसे का भुगतान नहीं हुआ था। उधर, असली अनामिका शुक्ला यानी सुप्रिया सिंह से साढ़े चार लाख रुपये की रिकवरी होगी।
धुंधली फोटो से किया गुमराह अनामिका के नाम पर उसके जो भी डॉक्यूमेंट्स वेरिफेकशन में लगाए गए थे, उन सब में धुंधली फोटो का इस्तेमाल किया गया था। इसके बावजूद विज्ञान टीचर के पद पर चयनित कथित अनामिका का इतिहास खंगाले बिना उसे नियुक्ति पत्र जारी कर दिया गया, जिसका खामियाजा आज विभाग को भुगतना पड़ रहा है।
अनामिका बताकर करती रही नौकरी फर्रुखाबाद की रीना की नियुक्ति 29 नवंबर, 2019 को हुई थी। रीना यहां खुद को अनामिका शुक्ला बताकर आईं और इसी नाम पर टिक कर नौकरी करने लगी। इस दौरान अनामिका के डॉक्यूमेंट्स भी लगाए गए। कस्तूरबा विद्यालय की कार्यवाहक वार्डन आरती सिंह के मुताबिक अनामिका ने फोटो कॉपी के साथ ही ओरिजनल डाक्यूमेंट्स भी दिखाए थे। ओरिजनल डॉक्यूमेंट्स और मार्कशीट व उनकी फोटो कॉपी में कोई फर्क न होने की वजह से उसे 29 नवम्बर को ही नियुक्ति पत्र दे दिया गया था। रीना ने निवास प्रमाण पत्र अपना लगाया था। हालांकि, इसमें काटपीट कर रीना और उसके पिता चन्द्रभान की जगह अनामिका शुक्ला और उसके पिता सुभाष शुक्ला लिख दिया गया था। बता दें कि फर्जीवाड़े का भेद खुलने के बाद जांच की भनक लगते ही रीना स्कूल से अनुपस्थित थीं।