याची के वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश पाण्डेय का कहना था कि याची के मुंबई में डिप्टी जनरल मैनेजर पद पर नियुक्ति के दौरान 261.37 करोड़ रूपये का बैंक घोटाला हुआ। गलत ओवर ड्राफ्ट और खाता एनपीए होने पर बैंक ने याची को निलंबित कर दिया।
इस मामले में यूनियन बैंक के जवाब में कहा कि चूंकि प्रकरण में कई अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं तथा सभी से जवाब मांगा गया है। विजिलेंस विभाग को भी प्रकरण संदर्भित किया गया कि क्या इसकी विजलेंस जांच हो सकती है। कोर्ट का कहना था कि बैंक के हलफनामे में यह नहीं बताया गया कि याची के खिलाफ क्या साक्ष्य मिले हैं।