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मामले में याचिकाकर्ता ने यह जानकारी दी है कि वह तृतीय श्रेणी का सरकारी कर्मचारी है। प्रतिवादियों ने ग्रेच्युटी की पूरी राशि का भुगतान करना स्वीकार किया है। साथ ही मई 2021 के महीने में 19,200 रुपये का भुगतान भी किया। याचिकाकर्ता के वकील के अनुसार, तब से शेष राशि रु.3.06 लाख और उस पर अर्जित वैधानिक ब्याज अभी भी बकाया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए प्रतिवादी चार महीने की अवधि के भीतर याचिकाकर्ताओं की बकाया ग्रेच्युटी राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लिया बड़ा फैसला, अब जेल में बंद बंदी पुलिस निगरानी में देंगे एग्जाम
शासकीय अधिवक्ता और दो मुख्य स्थायी अधिवक्ताओं ने दिया इस्तीफ़ा प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय में उत्तर प्रदेश सरकार के शासकीय अधिवक्ता शिव कुमार पॉल, मुख्य स्थायी अधिवक्ता तृतीय सौरभ श्रीवास्तव एवं मुख्य स्थायी अधिवक्ता षष्ठम मनोज कुमार सिंह ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री को भेज दिया है।विधानसभा चुनाव के बाद बहुमत से सरकार बनाने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे खबर के तुरंत बाद ये इस्तीफे भेजें गए हैं। शासकीय अधिवक्ता पॉल ने शासकीय अधिवक्ता पद का प्रभार अपर शासकीय अधिवक्ता प्रथम जय नारायण को सौंप दिया है।
इससे पहले भी प्रदेश सरकार के दोबारा सत्ता में आने पर महाधिवक्ता, शासकीय अधिवक्ता एवं मुख्य स्थाई अधिवक्ता ने मुख्यमंत्री के त्यागपत्र के ठीक बाद संवैधानिक प्रावधान के तहत त्यागपत्र दे दिया था। सभी को राज्य सरकार की संस्तुति पर राज्यपाल ने आबद्ध करने का आदेश दिया था।